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बेनामी संपत्ति से जुड़ी कुछ जरूरी बातें, जाननी हैं जरूरी

नोटबंदी के बाद से बेनामी संपत्ति का मसला ज्यादा चर्चाओं हैं. सरकार ने कुछ समय पर पहले बेनामी संपत्ति की जांच के आदेश भी दिए थे. लेकिन, बेनामी संपत्ति क्या होती है, इसके बारे में ठीक जानकारी न होने के चलते कई बार लोग बेवजह परेशान रहते हैं.

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  • December 25, 2016 1:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद से बेनामी संपत्ति का मसला ज्यादा चर्चाओं हैं. सरकार ने कुछ समय पर पहले बेनामी संपत्ति की जांच के आदेश भी दिए थे. लेकिन, बेनामी संपत्ति क्या होती है, इसके बारे में ठीक जानकारी न होने के चलते कई बार लोग बेवजह परेशान रहते हैं. इसलिए पहले जान लें ​कि बेनामी संपत्ति क्या है और आप उसके दायरे में आते हैं कि नहीं. 
 
क्या होती है बेनामी संपत्ति
बेनामी संपत्ति वह होती है, जिसकी कीमत किसी और ने चुकाई हो लेकिन संपत्ति किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर हो. ऐसी संपत्ति नौकर, पत्नी, बच्चों या रिश्तेदार के नाम पर खरीदी जाती है. 
 
 
बेनामी संपत्ति चल या अचल संपत्ति या वित्तीय दस्तावेजों के तौर पर हो सकती है. बेनामी संपत्ति रखने वाले कई लोग इसके जरिए काले धन को सफेद धन में बदलता चाहते हैं. वह काले धन को किसी और के नाम पर ली गई संपत्ति में निवेश कर देते हैं. 
 
एक से ज्यादा के नाम पर बेनामी संपत्ति
जरूरी नहीं कि बेनामी संपत्ति किसी एक ही व्यक्ति के नाम पर खरीदी जाए. यह बहनों, भाइयों या रिश्तेदारों के साथ संयुक्त संपत्ति भी हो सकती है. इसमें संपत्ति के लिए भुगतान करने वाले के नाम से कोई वैध दस्तावेज नहीं होता है. ऐसे मामलों में बेनामी लेनदेन में शामिल दोनों पक्षों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. 
 
अगर किसी व्यक्ति ने अपने बच्चों या पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी है लेकिन उसे अपने आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया है, तो उसे बेनामी संपत्ति माना जायेगा. अगर सरकार को ऐसी किसी सम्पत्ति पर संदेह होता है, तो उस संपत्ति के मालिक से पूछताछ की जा सकती है. साथ ही नोटिस भेजकर प्रॉपर्टी के सभी कागजात भी मांगे जा सकते हैं, जिसे मालिक को 90 दिनों के अंदर दिखाना अनिवार्य है. 
 
 
सात साल सजा और जुर्माना
अगस्त 2016 में संसद में बेनामी संपत्ति ऐक्ट पास किया गया था. इस कानून के अन्तर्गत बेनामी लेनदेन करने वाले को 3 से 7 साल की जेल और उस प्रॉपर्टी की बाजार कीमत पर 25% जुर्माने का प्रावधान है. 
 
अगर कोई बेनामी संपत्ति की गलत सूचना देता है तो उस पर प्रॉपर्टी के बाजार मूल्य का 10% तक जुर्माना और 6 महीने से 5 साल तक की जेल का प्रावधान रखा गया है. इसके अलावा अगर कोई ये सिद्ध नहीं कर पाया की ये सम्पत्ति उसकी है, तो सरकार द्वारा वह सम्पत्ति जब्त भी की जा सकती है. 
 

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