नई दिल्ली : सूडान में संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के शांति मिशन पर गए भारतीय सेना के जवान सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी से जूझ रहे हैं. यूएन ने भारतीय जवानों की इस स्थिति के बारे में ध्यान दिलाते हुए भारत को सूचित किया था कि इससे दक्षिणी सुडान में जवानों की क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है.
टाइम्स आॅफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस मसले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया है कि यूएन ने भारत को अक्टूबर में सैनिकों के पास रक्षा उपकरणों जैसे बुलैटप्रूफ जैकेट और हेलमेट की कमी के बारे में बताया था. सूडान में इस वक्त भारत के करीब 2,200 फौजी मौजूद हैं.
अन्य देशों के हालात बेहतर
संयुक्त राष्ट्र पिछले नौ महीनों से भारत को लगातार सूचित कर रहा है कि उपकरणों की कमी की वजह से भारतीय फौज अपनी क्षमता का कुल 60 प्रतिशत ही दे पा रही है। भारत के मुकाबले अन्य देशों की हालत फिर भी बेहतर है.
चीन ने हाल ही में यूएन में अपने योगदान को बढ़ाया है, जिससे उनकी 120 प्रतिशत उपलब्धता है. वहीं, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश का रिकॉर्ड भी भारत के मुकाबले अच्छा है. हालांकि, यूएन की एक विशेष जांच में चीनी और नेपाली दस्ते को पोस्ट छोड़कर भागने और साथियों की मदद ने करने के लिए दोषी भी पाया गया है.
भारत की छवि को गंभीर नुकसान
एक अधिकारी के मुताबिक यह स्थिति यूएन शांति अभियानों में बड़े सहयोगी के तौर पर हमारी छवि को गभीर नुकसान पहुंचा रही है. रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी होने के बावजूद पिछले दो महीनों में इस संबंध में कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है. यह भारतीय सैनिकों की साख का सवाल भी बनता जा रहा है. हालांकि, भारतीय जवान कमियों के बावजूद बिना शिकायत के काम कर रहे हैं.