नई दिल्ली: कहते हैं कि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ दिमाग रहता है. लेकिन सवाल ये है कि स्वास्थ्य या फिटनेस का पैमाना क्या है. हिंदुस्तान में बाकी दुनिया की तरह बॉडी बिल्डिंग का क्रेज़ युवाओं में जबरदस्त है.फिट होना अच्छी बात भी है. अच्छा शरीर आपकी पर्सनॉलिटी में चार चांद लगाता है. लेकिन बडा सवाल ये है कि इसकी सीमा क्या है. 26 -26 इंच के डोले क्रेज़ हैं लेकिन इस क्रेज़ के पीछे की कीमत क्या है.
आज सनक में आपको दिखाएंगे बॉडी बिल्डिंग अगर सनक में बदल जाए तो कैसे बिना किसी आहट के मौत उसे अपना निवाला बना लेती है. इंडिया न्यूज़ अपने दर्शकों से अपील करता है कि स्वस्थ रहिए लेकिन इसकी सनक के जाल में मत फंसिए . देश भर के जिमों में आप जाएं तो WWF के सुपरस्टार्स की तस्वीरें आपको दिख जाएंगी.
जाहिर सी बात है कि WWF हिट है तो इसके स्टार्स भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है. हम ये कतई नहीं कह रहे कि बॉडी बिल्डिंग में स्टेरॉयड्स की जो परंपरा सी निकल पड़ी है उसके लिए WWF ही अकेला जिम्मेदार है लेकिन एक बहुत बड़ा तबका जरुर इनकी तरह बॉडी बनाने की चाह में स्टेरायड्स की अंधी दौड़ में शामिल हुआ है.
हैरानी की बात ये है कि स्टेरायड्स के शिकार WWF के स्टार्स भी हुए और कईयों को जान भी गंवानी पड़ी लेकिन उसके बाद भी ये सिलसिला थमा नहीं.
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