नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लगातार पांचवी बार एक ही अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने को लेकर नाराजगी जताई है. हालांकि देशहित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
दरअसल केंद्र सरकार ने शत्रु सम्पत्ति अधिनियम संशोधन विधेयक में संशोधन करने वाला अध्यादेश राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेज था.
राष्ट्रपति ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि अब तक इसे कानून के रूप में संसद से पारित क्यों नहीं करवाया गया और इसे बार-बार अध्यादेश के रूप में उनके पास हस्ताक्षर के लिए क्यों भेजा जा रहा हैं.
इससे पहले भी ये अध्यादेश कैबिनेट में प्रस्ताव लाए बिना राष्ट्रपति के पास भेज गया था. जिस पर राष्ट्रपति ने नाराजगी जताई थी. यह पहला ऐसा मौका था जब कोई अध्यादेश कैबिनेट में प्रस्ताव लाए बिना राष्ट्रपति के समक्ष लाया गया था.
इस विधेयक को लोकसभा से पहले ही पारित किया जा चुका है, राज्यसभा से इसे पारित किया जाना बाकि है. गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में नोटबंदी पर हुए हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही ज्यादातर समय तक स्थगित रही थी.