नई दिल्ली. नोटबंदी से बैंकों में आए पैसों को अब मोदी सरकार जन-धन खातों में ट्रांसफर करने का प्लान बना रही है.
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार प्राथमिकता के आधार पर ऐसे खातों में 10-10 हजार रुपए डालेगी जो जिनमें जीरो बैलेंस है और उनके खाताधारक बेहद गरीब हैं.
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं वहां पर जीरो बैलेंस वाले खाताधारकों की अच्छी-खासी संख्या बढ़ी है. बात करें उत्तरप्रदेश की तो ऐसे खातों की संख्या 9 लाख पहुंच गई है.
जब नोटबंदी की घोषणा की गई थी तो राज्य में 8.6 लाख ऐसे खाताधारक थे. वहीं नोटबंदी की घोषणा के बाद से जनधन खातों धारकों की संख्या एक करोड़ बढ़ गई है.
Video : 50 फीसद गांवों में बिजली न पहुंचने के बयान पर पीएम मोदी ने चिदंबरम से पूछा सवाल
वहीं सरकार की ओर से भी पूरी कोशिश की जा रही है कि जो भी पैसा विभिन्न योजनाओं के लिए भेजा रहा है उनको एक दिन में खाते में ट्रांसफर कर दिया जाए.
आरटीआई से इस बात की भी जानकारी मिली है कि स्वच्छ भारत मिशन के लिए भेजा जा रहा है फंड में 700 फीसद तक में बढ़ोत्तरी कर दी गई है.
जन-धन खाताधारकों को लेकर गुजरात, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब से भी ऐसी जानकारी मिल रही है. बताया जा रहा है कि इन राज्यों में भी जन-धन खाताधारकों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है.
विशेषज्ञों की मानें तो जन-धन योजना केंद्र सरकार के लिए गेम चेंजर साबित होने जा रही है अगर इस पूरे काम को गंभीरता से किया जाता है.
क्या है योजना का गणित
दरअसल कालेधन के खिलाफ की गई नोटबंदी के बाद से सरकार के खजाने में अच्छा-खासा पैसा जमा हो रहा है. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अपनी आय का खुलासा करने वाले नियम से ही 6800 करोड़ रुपया इकट्ठा कर लिया है.
इसके अलावा छापों और पकड़ी गई राशि भी बड़ी मात्रा में इकट्ठा हो रही है. रिपोर्ट की माने तो इनकम टैक्स विभाग ने अभी तक 3100 करोड़ रुपया पकड़ा है. इसके अलावा इनकम टैक्स की ओर से अभी हाईप्रोफाइल लोगों पर छापा मारने का काम लगातार जारी है.
वहीं सरकार उन जन-धन खातों की भी जांच कर ही है जिनमें नोटबंदी के बाद से अच्छा-खासा पैसा डाला गया है. अब तक इन खातों में 2700 करोड़ रुपया जमा हो चुका है.
जितने खाते उतना ही फायदा
जिस तरह से जन-धन खाताधारकों की संख्या बढ़ती जा रही है उससे साफ है कि सरकार को ही फायदा होगा क्योंकि जिनके भी खाते में पैसा डाला जाएगा वह निश्चित तौर पर सरकार की ही वाहवाही करेंगे.
इस बात की है विपक्ष को भनक ?
जिस तरह से विपक्ष का विरोध नोटबंदी के खिलाफ बढ़ा विरोध कहीं इस बात का संकेत तो नहीं है कि उसको सरकार के इस फैसले का अंदाजा हो गया है.
प्रधानमंत्री मोदी भी कई बार मंच से ऐलान कर चुके हैं कि 31 दिसंबर के बाद से देश में बड़ा बदलाव आने जा रहा है. इतना तो साफ है कि अगर मोदी सरकार ने जनधन खातों में रुपया डालना शुरू कर दिया तो निश्चित तौर पर विपक्ष के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा.
कितने हैं जीरो बैलेंस वाले खाते
सरकार की ओर से जारी रिलीज के मुताबिक कुल 25 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं जिनमें 5.8 करोड़ खातों में आजतक रुपया नहीं डाला गया है यानी वह जीरो बैलेंस वाले खाते हैं. इस लिहाज से अगर सरकार इन खातों में रुपया डालती है तो उसको 58,000 करोड़ रुपए खर्च करने होगे.