1973 में नजीब जंग भारतीय प्रशासनिक सेवा(आइएएस) में आए. उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला. इस दौरान वो मध्य प्रदेश प्रशासन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. इसके अलावा जंग माधराव सिंधिया के रेल मंत्री रहते हुए उनके निजी सचिव भी रहे.
नई दिल्ली: नजीब जंग ने दिल्ली के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि उनके कार्यकाल में अभी ढाई साल बाकी था लेकिन समय से पहले उन्होंने अपने पद से इस्तीफे का एलान कर दिया. आइए आपको बताते हैं नजीब जंग की जिंदगी से जुड़े अहम पहलु.
18 जनवरी 1951 को दिल्ली में जनमें नजीब जंग ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट कोलंबा स्कूल से हासिल की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास में एम.ए की पढ़ाई की और फिर लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से सोशल पॉलिसी और प्लानिंग में एम.ए किया.
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IAS अधिकारी से अकादमिक दुनिया तक का सफर
1973 में नजीब जंग भारतीय प्रशासनिक सेवा(आइएएस) में आए. उन्हें मध्य प्रदेश कैडर मिला. इस दौरान वो मध्य प्रदेश प्रशासन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे. इसके अलावा जंग माधराव सिंधिया के रेल मंत्री रहते हुए उनके निजी सचिव भी रहे.
इसके अलावा जंग 1995 से 1999 तक एसियन डेवलपमेंट बैंक में वरिष्ठ उर्जा सलाहकार के पद पर भी रहे. जंग का अकादमिक जगत से भी गहरा नाता रहा. जंग साल 1999 से 2002 तक वो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर सीनियर विजिटिंग फैकेल्टी रहे जहां वो पीएचडी के छात्रों को पढ़ाते रहे. एशियन डेवलपमेंट बैंक में उन्होंने साल 2002 में फिर से वापसी की और फिर साल 2005 तक उन्होंने वहां सेवाएं दी.
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उर्जा क्षेत्र के विशेषज्ञ माने जाते हैं जंग
साल 2005 में उन्होंने अकादमिक जगत में फिर से वापसी की. उन्होंने ऑक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी स्टडीज में फिर से पढ़ाना शुरू कर दिया. इस दौरान वो दोअंतराष्ट्रीय तेल और गैस कंपनियों के सलाहकार भी रहे और नेचुरल गैस के विकास पर दो किताबें भी लिखीं.
जंग साल 2008 में दिल्ली लौटे और साल 2009 में उन्हें जामिया मीलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के पद पर नियुक्ति मिली. साल 2013 में जंग को दिल्ली का उप राज्यपाल बनाया गया.
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