नई दिल्ली : मोदी सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन ट्रांजैक्शन शुल्क को 31 मार्च तक फ्री करने का निर्देश दिया है. 31 मार्च तक बैंकों में इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
बुधवार को वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक सरकारी बैंक आईएमपीएस (IMPS) और यूपीआई (UPI) ट्रांजैक्शन पर कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा. बता दें कि आईएमपीएस के जरिए इंटरबैंक इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर होता है. यह ट्रांसफर नेट बैंकिंग और आईएफएससी कोड के बिना भी संभव है.
वहीं सरकार ने इमीडिएट पेमेंट सिस्टम (आइएमपीएस) और यूपीआइ के जरिए 1 हजार से अधिस रुपये के ट्रांसफर पर लगने वाले शुल्क को भी खत्म करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि रिजर्व बैंक के मौजूदा नियम के मुताबिक नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिये 10,000 रुपये तक की राशि ट्रांसफर करने पर 2.5 रुपये का शुल्क लगता है, जबकि 10000-100000 तक के ट्रांसफर पर पांच रुपये चार्ज लगता है.
मौजूदा फंड ट्रांसफर शुल्क
1-10000 तक – 2.5 रुपये
10000 से 1 लाख – 5 रुपये
1-2 लाख तक – 15 रुपये
दो लाख से ऊपर – 25 रुपये
फंड ट्रांसफर शुल्क के अलावा सेवा कर भी देना होता है.