नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जी मेरे पापा को समझाइए. मुझे और मेरी मां को इंसाफ दिलाइए. ये फरियाद है उस मासूम बेटी की जो अपने पिता के जुल्म की दुहाई दे रही है. वो अपनी मां और नन्ही बहन को पिता की ज्यादतियों से बचाना चाहती है. इसलिए इस बेटी ने प्रधानमंत्री के नाम एक चिट्ठी लिखकर न्याय की मांग की है.
क्या प्रधानमंत्री जी जवाब देंगे ? ये सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि ये मसला सिर्फ एक बेटी और उसकी मां का ही नहीं. देश की उन लाखों करोड़ों बेटियों से भी जुड़ा है. जो अपने परिवार में आए दिन जुल्म सहने को मजबूर हैं. कौन है ये बेटी और ये प्रधानमंत्री से क्या चाहती है.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी
सर,
आपके संज्ञान में लाना चाहूंगी कि मैं और मेरी बहन दिन-रात प्रताड़ित हो रहे हैं. हम लड़कियों को श्राप बताया जा रहा है, मनहूस कहा जा रहा है, और कहा जा रहा है कि हम कहीं जाकर मर क्यों नहीं जाते. मैं आपसे पूछना चाहूंगी कि हमारे साथ ही ऐसा क्यों हो रहा है.
ये अपील है एक मजबूर बेटी की, प्रधानमंत्री के नाम ये चिट्ठी है एक पीड़ित बेटी की, श्री नरेन्द्र मोदी के नाम इस बेटी ने पीएम से गुहार लगाई है कि उसे और उसकी बहन को पिता के जुल्मो सितम से बचाएं, इंसाफ दिलाएं. सुनिए अपने पिता के अत्याचार से आज़िज आ चुकी इस बेटी ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी में क्या अपील की है.