नई दिल्ली: मंगलवार को NGT ने विमान कंपनियों को आदेश दिया है कि अगर उन्होंने हवा से मल-मूत्र गिराया तो 50,000 का जुर्माना देना पड़ेगा. अपने आदेश में NGT ने कहा है कि जुर्माने से मिले पैसों को पर्यावरण की रक्षा के लिए उपयोग किया जाएगा.
जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाले NGT की तीन सदस्यों की बेंच ने दक्षिणी दिल्ली के वसंत एनक्लेव में रहने वाले ले. जनरल (रिटार्यड) सतवंत सिंह दहिया की शिकायत पर यह फैसला सुनाया. सतवंत सिंह ने NGT से शिकायत की थी कि उनके इलाके में आसमान से मल-मूत्र गिराए जा रहे हैं. अपनी शिकायत में सतवंत सिंह ने कहा था उनके घर के आस-पास लगातार विमानों से मल-मूत्र गिराए जा रहे हैं. इससे उनके घर और चारदीवारें गंदी हो रही हैं.
24 घंटे की हेल्पलाइन जारी करने की भी मांग
सतवंत सिंह ने अपनी शिकायत में कहा है कि आसमान से विमानों द्वारा इस तरह से मल-मूत्र गिराना भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान का उल्लंघन होने के साथ-साथ इलाके में रहने वाले लोगों के स्वास्थय के लिए भी बड़ा खतरा है. दहिया ने अपनी अर्जी में इस तरह की घटनाओं के रिपोर्ट करने के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन सुविधा देने की भी मांग की है.
NGT ने DGCA को ये आदेश दिया है कि वो एक सर्कुलर जारी करके हर विमान कंपनी को इस बात से आगाह कर दे. साथ ही DGCA विमानों में ये चेक करने के लिए सरप्राइज चेकिंग भी करे की कोई विमान कंपनी इसका उल्लंघन तो नहीं कर रही है. और जो कंपनी इस आदेश का उल्लंधन कर रही है उस पर 50,000 रूपए का जुर्माना लगाया जाए.
इसके साथ ही NGT ने नागरिक उड्ययन मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय पर भी 5000 का जुर्माना ठोका है. इन पर ये जुर्माना सतंवत सिंह की अर्जी पर इंस्पेक्शन रिपोर्ट नहीं पेश करने के लिए लगाया गया है.