नई दिल्ली: कैशलेस अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार हर रोज नए-नए कदम उठा रही है और योजनाएं लागू कर रही है. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को बड़ा फैसला लिया. कैबिनेट ने उस अध्यदेश को मंजूरी दी है, जिसके चलते कर्मचारियों को अब कैश में सैलरी नहीं मिलेगी. इस फैसले के बाद अब सभी कंपनियां अपने कर्मचारियों को खाते या फिर चेक के माध्यम से ही सैलरी मिल पाएगी.
कैबिनेट के इस अध्यादेश पर मुहर लगने के बाद इसे राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के साइन करते ही यह अध्यादेश नए कानून के रूप में लागू हो जााएगा. सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया है. हालांकि इस नियम को सख्ती से लागू करवाने का राज्य सरकारों को अधिकार दिया जायेगा. राज्य की सरकारें अपने दायरे में आने वाले सभी कंपनियों को इसके लिए आदेश जारी करेंगी.
ये है बदलाव का प्रस्ताव
वेतन भुगतान (संशोधन) विधेयक 2016 में मौजूदा कानून की धारा-6 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है. इस नियम में संशोधन के बाद कंपनियों और नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के सैलरी भुगतान के तरीके में बदलाव करना होगा. कंपनियां सैलरी का भुगतान इलेट्रॉनिक माध्यम या फिर चेक से कर्मचारियों के बैंक खातों में दे सकेंगे. कामगरों के वेतन और भविष्य निधि संबंधी हितों को सुरक्षा देना संभव हो सकेगा.