नई दिल्ली: नोटबंदी के दौर में कालाधन ठिकाने लगाने वालों पर सरकार नकेल कसने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. कालाधन ठिकाने लगाने वालों की धर-पकड़ जोर-शोर से चल रही है. वहीं नोटबंदी के फायदे और नुकसान पर राजनीति भी जमकर हो रही है.
लेकिन राजनीतिक पार्टियां अपने धन और बही-खाते का खुलासा करने को तैयार नहीं हैं. हालत ये है कि अब तो चुनाव आयोग को भी कहना पड़ गया है कि राजनीतिक दलों को 2 हज़ार से ज्यादा बेनामी चंदा लेने पर रोक लगनी चाहिए.
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