नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और केंद्र सरकार के बीच नया विवाद खड़ा होता दिखाई दे रहा है. खबर है कि सीबीआई ने केंद्रीय गृहमंत्रालय से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ केस दायर करने के लिए मंजूरी मांगी है. जिन्हें इस साल की शुरुआत में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई का दावा है कि उनके पास राजेंद्र कुमार और कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए बहुत सारे सबूत हैं. सबूत के तौर पर उनके पास कई ऑडियो रिकॉर्डिंग्स है.
सीबीआई ने दावा किया है उन्होंने ये सारे सबूत पिछले साल मारे गए छापों में राजेन्द्र कुमार के कंप्यूटर से बरामद किए थे. सीबीआई ने ये भी कहा कि इन ऑडियो क्लिप में एंडेवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को कॉन्ट्रेक्ट देने के लिए हुई हेराफेरी के निर्देश हैं.
बता दें कि सीबीआई के लिए किसी भी सरकारी अफसर के खिलाफ चार्जशीट दायर करने से पहले मंजूरी लेना जरूरी है. क्योंकि राजेन्द्र कुमार यूटी कैडर से 1989 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. एंडेवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को 50 करोड़ रुपए का सरकारी कॉन्ट्रेक्ट दिलाने के लिए सीबीआई ने राजेन्द्र कुमार समेत अन्य चार लोगों पर आरोप लगाया था.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक कि सीबीआई को मंजूरी, डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग की सलाह लेने के बाद ही दी जाएगी.
दिल्ली ट्रांसपोर्ट के प्रोजेक्ट भी शामिल
इसके पहले सीबीआई ने अपनी पहली एफआईआर में कहा था कि एंडेवर सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को चार कॉन्ट्रेक्ट दिए गए थे. इनमें दिल्ली ट्रांसपोर्ट लिमिटेड के प्रोजेक्ट भी शामिल हैं. उस समय राजेंद्र कुमार डीटीएल के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर थे. हेल्थ डिपार्टमेंट के कॉन्ट्रेक्ट तब दिए गए, जब राजेन्द्र हेल्थ सचिव थे. इसके अलावा वेट डिपार्टमेंट का कॉन्ट्रेक्ट तब दिया गया था, जब राजेन्द्र ट्रेड एंड टैक्स के कमिश्नर थे और दिल्ली जल बोर्ड का कॉन्ट्रेक्ट तब दिया गया, उस वक्त कुमार अरबन डेवलपमेंट के सचिव थे.
आपको बता दें कि इस साल जुलाई में राजेन्द्र के अलावा केजरीवाल के ऑफिस में डिप्टी सेक्रेट्री समेत तीन प्राइवेट लोगों को रिश्वत और सरकारी पद का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि सभी जमानत पर रिहा हो गए थे और कुमार को बाद में सस्पेंड कर दिया गया था. और इसके लिए आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल पर हमले के लिए बहाना बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा था.