नई दिल्ली: नोटबंदी और अगस्ता मामले को लेकर संसद का शीतकालीन सत्र पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ जाने की वजह से बीजू जनता दल (BJD) के लोकसभा सांसद बैजयंत पांडा ने अपनी अलग मिशाल पेश की है. संसद न चल पाने की वजह से बैजयंत पांडा ने अपनी सैलरी लौटा दी है.
बैजयंत पांडा ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं वह इससे पहले भी कई बार से ऐसा कर चुके हैं. पांडा के मुताबिक संसद में जितना हंगामा होता है, उसी के अनुसार वह अपनी सैलरी लौटा देते हैं.बैजयंत पांडा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मैं अपनी सैलरी का उतना हिस्सा और भत्ता लौटा देता हूं, जितना लोकसभा के समय का नुकसान होता है. मैं ऐसा 4-5 सालों से कर रहा हूं.
उन्होंने कहा कि मेरी अंतरात्मा मुझे परेशान करती है कि हम वो नहीं कर रहे हैं जिस लिए जनता ने हमें चुनकर वहां भेजा है. हम वहां जाकर कुछ और ही करने लगते हैं.
बता दें कि 15 सालों से शीतकालीन सत्र पिछले 15 सालों से संसद का ऐसा सत्र रहा है, जिस सत्र में सबसे कम काम हुआ है. इस सत्र में केवल दो ही बिल पास हुए हैं. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार की मानें तो शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में 21 फीसदी कामकाज हुआ जबकि लोकसभा में 19 फीसदी काम हुआ. संसद की कार्यवाही पर हर मिनट 2.5 लाख रुपये खर्च होते हैं. यह जानकारी खुद सत्ता पक्ष ने साल 2012 में संसद को दी थी.