नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नए सेना प्रमुख और वायुसेनाध्यक्ष का ऐलान कर दिया है. लेफ्ट जनरल बिपिन रावत नए सेनाध्यक्ष होंगे, जबकि वायु सेना की कमान एअर मार्शल बी.एस. धनोआ संभालेंगे.
बिपिन रावत मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह का स्थान लेंगे, जो 31 दिसंबर 2016 को रिटायर हो रहे हैं, वहीं वर्तमान वायुसेना प्रमुख अरुप साहा के 31 दिसंबर 2016 को रिटायर होने के बाद बी.एस. धनोआ उनका स्थान लेंगे.
एअर मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ अभी वायुसेना के उप सेनाध्यक्ष हैं. धनोआ 1 जून 2015 से इस पद पर हैं. धनोआ ने 1999 के कारगिल युद्ध में सक्रिय रुप से हिस्सा लिया था, जिसके लिए उन्हें युद्ध सेना मैडल से सम्मीनित किया गया था. आइए आपको बतातें हैं इनके बारे में कुछ खास बातें…
- बीरेंद्र सिंह धनोआ का जन्म पंजाब में मोहाली जिले के गांव घंड़ूआं में हुआ था. उनका एक बेटा है, जो वकालत की पढ़ाई कर रहा है.
- बीएस धनोआ के पिता सरयान सिंह एक आईएएस अधिकारी थे, जो 80 के दशक में पंजाब के चीफ सेक्रेटरी के पद पर रह चुके हैं. इसके साथ ही पंजाब के गवर्नर के सलाहकार के पद पर भी रह चुके हैं. उनके दादा संत सिंह दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना में बतौर कैप्टन अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
- धनोआ को जून 1978 में वायुसेना की लड़ाकू धारा में शामिल किया गया. वो स्क्वाड्रनों एवं वायुसेना के खुफिया निदेशालय मुख्यालय में सेवाएं दी हैं.
- एयर मार्शल धनोआ एक योग्य फ्लाइंग प्रशिक्षक हैं और उन्होंने अपने प्रतिष्ठित करियर के दौरान अनेक प्रकार के लड़ाकू विमान उड़ाए हैं.
- बी. एस. धनोआ ने करगिल युद्ध के दौरान लड़ाकू स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया था और स्वयं पहाड़ी इलाकों में अनेक रात्रिकालीन मिशन उड़ानें भरी थीं.
- उन्हें लड़ाकू बेस के स्टेशन कमांडर और विदेश में भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल के नेता सहित अनेक महत्वपूर्ण परिचालन नियुक्तियों का कार्यभार संभालने का गौरव प्राप्त है. उन्हें लड़ाकू बेस के स्टेशन कमांडर और विदेश में भारतीय सैन्य प्रशिक्षण दल के नेता सहित अनेक महत्वपूर्ण परिचालन नियुक्तियों का कार्यभार संभालने का गौरव प्राप्त है.
- धनोआ को भारत के राष्ट्रपति की ओर से 1999 में युद्ध सेवा पदक (वाईएसएन), वायु सेना पदक (वीएन) और 2015 में अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया था.