नई दिल्ली: अगस्ता-वेस्टलैंड मामले में सीबीआई की एक टीम पूर्व एनएसए एमके नारायणन, पूर्व एसपीजी चीफ भरत वीर वांचू और पूर्व सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा से पूछताछ करेगी.
सीबीआई यह जानना चाहती है कि इस पूरी डील के दौरान हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए पैरामीटर क्यों बदले गए थे.
नारायण 1955 के बैच के आईपीएस अफसर हैं और दो बार एनएसए रह चुके हैं. मनमोहन सिंह सरकार में वह 2005 में एनएसए बनाए गए जो 2010 तक रहे.
इसके बाद यूपीए सरकार ने पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया था. सीबीआई की अभी तक की जांच में सामने आया है कि नारायणन ही वो शख्स थे जिन्होंने हेलिकॉप्टर की तकनीकी खासियतों में बदलाव के निर्देश दिए थे.
अगस्ता वेस्टलैंड मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत तीन लोगों को 4 दिन की CBI रिमांड पर भेजा गया
दरअसल इस डील को लेकर हुई अहम बैठकों में ये तीनों अधिकारी शामिल थे. भरत वीर वांचू 7 मार्च 2005 को हुई अगस्ता डील की बैठक का हिस्सा थे, जिसमें खरीदे जा रहे हेलिकॉप्टर की उड़ान उंचाई क्षमता 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर तक करने चर्चा हुई थी.
अनिल सिन्हा जब बतौर आईजी एसपीजी में थे, तब 8 नवंबर 2004 को उन्होंने उस बैठक में एसपीजी का प्रतिनिधित्व कर रहे था, इस बैठक में हेलिकॉप्टर की उड़ान की उंचाई क्षमता को 6000 से घटाकर 4500 मीटर करने पर की शुरुआती चर्चा हुई थी.
अगस्ता वेस्टलैंड मामला: एसपी त्यागी ने मनमोहन सिंह पर उठाए सवाल, कहा- डील में शामिल था PMO
बता दें कि इसी मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी समेत तीन लोग को 14 दिसंबर तक सीबीआई की रिमांड पर भेजा था.
त्यागी ने उल्टा आरोप लगाए कि यूपीए शासन काल में हुई इस डील को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ऑफिस भी शामिल था.
त्यागी ने कहा है कि पीएमओ ने ही सुझाव दिया था कि वीवीआईपी चॉपर डील के लिए ऊंचाई में थोड़े बहुत बदलाव किए जाएं क्योंकि अगस्ता वेस्टलैंड इससे जुड़े मापदंडों को पूरा नहीं कर पा रही थी और इस तरह बदलाव करने से डील हासिल करना आसान हो गया.