श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की सरकार ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के बड़े भाई खालिद वानी के नाम पर मुआवजा देने पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. पैंथर्स पार्टी ने सलाथिया चौक पर राज्य सरकार के खिलाफ पुतला जलाया. प्रदर्शनकारियों ने BJP-PDP सरकार पर आतंकियों का हिमायती होने का आरोप लगाया.
पैंथर्स कार्यकर्ताओं का कहना था कि एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर राजनीतिक लाभ लेना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ वह पीडीपी के साथ मिलकर आतंकियों की हिमायत कर रही है. उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है. दोनों पार्टियों की इस दोहरी राजनीति का विरोध किया जाना चाहिए.
कार्यकर्ताओं ने कहा कि पुलवामा जिला प्रशासन ने जान बूझकर खालिद वानी का नाम कश्मीर में हुए प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की लिस्ट में रखा गया है. हमारी खूबसूरत घाटी के अंदर कुछ ऐसे तत्व अभी भी मौजूद हैं, जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. उन्होंने कहा कि पीडीपी तो हमेशा से आतंकवादियों के साथ रही है, जो हर रोज हमला करते रहते हैं लेकिन बीजेपी भी इसमें कहीं पीछे नहीं है.
उन्होंने कहा कि राज्य में बीजेपी के मंत्रियों को इस फैसले का विरोध करना चाहिए था, लेकिन इक्का-दुक्का नेताओं के अलावा किसी भी बीजेपी वालों ने इसका विरोध नहीं किया. पैंथर्स कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर पुलवामा जिला प्रशासन लिस्ट से आतंकियों के नाम बाहर नहीं किए, तो पैंथर्स घाटी में राज्य व्यापी आंदोलन करेगी.
बता दें कि BJP-PDP सरकार ने तय किया है कि कश्मीर में आतंकी घटनाओं में मारे गए 17 लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देने को मंजूरी दी है, इन लोगों में खालिद वानी के नाम शामिल है. खालिद की पिछले साल 13 अप्रैल को त्राल के जंगलों में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी में मौत हो गई थी.