नई दिल्ली. केजरीवाल सरकार के एक टीवी विज्ञापन ने सियासी बवाल की शक्ल ले ली है. विज्ञापन में दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त करने का दावा किया गया है, कई बार केजरीवाल का निजी तौर पर गुणगान भी हुआ है. जिस पर विपक्ष का आरोप है कि केजरीवाल ने इस विज्ञापन के जरिए सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश की अवहेलना की है, विज्ञापन महिला विरोधी भी है,
आम आदमी पार्टी ने सफाई दी है कि इस विज्ञापन में कहीं भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी नहीं की गई. फिर भी कुछ बड़े सवाल हैं, जो मुंह बाए खड़े हैं. गंभीर सवाल यही है कि विज्ञापन बनवाने और विधायकों के लिए केजरीवाल सरकार के पास पैसा है, तो सफाई कर्मचारियों को वेतन देने और दिल्ली के विकास के लिए फिर धन का रोना क्यों?
देखिए बीच बहस मेंः
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