नई दिल्ली: नोटबंदी के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि 500 और 1000 के पुराने नोटों के जमा कराने की तारीख 30 दिसंबर से आगे बढ़ाने का फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ दिया है, साथ ही कोर्ट ने पुराने नोटों के इस्तेमाल करने की तारीख आगे बढ़ाने से भी इनकार कर दिया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को पांच न्यायधीशों वाली एक संवैधानिक बेंच को सौंपा था. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 9 सवाल तय किये गए हैं इनमें नोटबंदी की राहत को लेकर केंद्र सरकार पर छोड़ा है, हालांकि कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है. कोर्ट ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि सरकार पैसे निकालने की लिमिट पर भी वक्त-वक्त पर विचार करे.
इन मामलों पर की सुनवाई
1. नोटबंदी का फैसला RBI एक्ट 26 का उल्लंघन है ?
2. नोटबंदी का 8 नवंबर और उसके बाद के नोटिफिकेशन असंवैधानिक हैं ?
3. नोटबंदी संविधान के दिए समानता के अधिकार Article 14 और व्यापार करने की आजादी Article 19 जैसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है ?
4. नोटबंदी के फैसले को बिना तैयारी के साथ लागू किया गया जबकि ना तो नई करेंसी का सही इंतजाम था और ना ही देश भर में कैश पहुंचाने का ?
5. बैंकों और ATM से पैसा निकालने की सीमा तय करना अधिकारों का हनन है ?
6 जिला सहकारी बैंको में पुराने नोट जमा करने और नए रुपये निकालने पर रोक सही नहीं है ?
7. कोई भी राजनीतिक पार्टी जनहित के लिए याचिका डाल सकती है या नहीं ?
8. क्या सरकार की आर्थिक नीतियों में सुप्रीम कोर्ट दखल दे सकता है.