नई दिल्ली. सहारा बिड़ला डायरी केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण से कहा है कि वे पीएम के खिलाफ ठोस सबूत पेश करें तभी इस मामले की सुनवाई होगी. अदालत ने कहा कि अगर ठोस सबूत पेश नहीं किए जाएंगे तो मामला खारिज हो जाएगा. अदालत ने उन्हें शुक्रवार तक सबूतों के साथ कोर्ट में आने के लिए कहा.
बता दें एनजीओ कॉमन कॉज की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए कंपनियों से करोड़ो रुपए घूस लेने का आरोप लगाया था. उन्होने इसके लिए कथित डायरी का हवाला दिया था.
न्यायालय ने कहा कि अगर वे दो दिन में सबूत पेश नहीं करते हैं तो अदलत इसपर विचार नहीं कर पाएगी और मामला खारिज हो जाएगा. अदालत ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद उच्च संवैधानिक पद है और इस तरह के आरोपों से इतने बड़े पद पर बैठे लोगों के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा.
अदालत ने कहा कि आप देश के प्रधानमंत्री पर आरोप लगा रहे हैं और आपने जो सबूत पेश किए हैं वे आरोप साबित करने के लिए काफी नहीं हैं. अदालत ने कहा कि आपसे पहले भी इस मामले में ठोस सबूत देने के लिए कहा गया था.
जब वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि इतनी जल्दी क्यों है तो कोर्ट ने कहा कि लोग इतने बड़े पद पर बैठे लोगों के बारे में बाद कर रहे हैं. प्रशांत भूषण ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप नहीं लगा रहे हैं. उन्होने कहा कि मेरे पास कई और दस्तावेज हैं जिसको दायर करने के लिए कुछ समय दिया जाए.
कोर्ट ने कहा कि आपको पहले ही काफी समय दिया जा चुका है. आपके ही कहने पर हमने 14 दिसंबर की तारीख तय की थी, लेकिन आप कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर पाए. इस मामले की अगली सुनवाई कल यानी शुक्रवार को होगी.