महाराष्ट्र सदन घोटालाः बॉम्बे हाइकोर्ट ने छगन भुजबल की गिरफ्तारी से संबंधित याचिका को किया खारिज

भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल को बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से झटका लगा है. हाइकोर्ट ने छगन भुजबल की याचिका को खारिज कर दिया है. बता दें कि भुजबल पने गिरफ्तारी से संबंधित याचिका दी थी.

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महाराष्ट्र सदन घोटालाः बॉम्बे हाइकोर्ट ने छगन भुजबल की गिरफ्तारी से संबंधित याचिका को किया खारिज

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  • December 14, 2016 7:56 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई: भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता छगन भुजबल को बॉम्बे हाईकोर्ट की तरफ से झटका लगा है. हाइकोर्ट ने छगन भुजबल की याचिका को खारिज कर दिया है. छगन भुजबल ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उन पर कोई मामला नहीं बनता और ईडी की तरफ से की गई उनकी गिरफ्तारी अवैध है. लेकिन कोर्ट ने उनकी ये दलील को खारिज कर दिया.
 
गौरतलब है कि भुजबल ने हाईकोर्ट ने  गिरफ्तारी को खारिज करने संबंधित याचिका दी थी. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने भुजबल की तकरीबन 110 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया थी.
 
 
बेटे के पास 100 करोड़ का बंगला
ईडी के छापे के दौरान छगन के बेटे पंकज के नाम पर नासिक में 100 करोड़ रुपए का बंगला होने का पता चला था. 46,500 वर्गफुट में फैले इस बंगले में 25 कमरे, स्विमिंग पूल और जिम भी है. भुजबल के 28 ठिकानों पर छापा मारा गया था. इसमें पुणे में भी उनकी करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी मिली थी. लोनावला में 2.82 हेक्टेयर में फैले छह बेडरूम वाले बंगले में हैलिपैड, स्विमिंग पूल के साथ विदेशी फर्नीचर और प्राचीन मूर्ति मिली थी.
 
 
ढाई हजार करोड़ की प्रॉपर्टी के मालिक थे भुजबल
बीजेपी नेता किरीट सोमैया का दावा था कि भुजबल के पास ढाई हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रॉपर्टी है. भुजबल ने अपने पूरे पॉलिटिकल करियर में नासिक, येवला, मुंबई, मझगांव जैसे इलाकों से चुनाव लड़ा था. आरोप ये भी है कि जिन शहरों में भी छगन ने चुनाव लड़ा, वहां करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई. कुछ दिनों पहले एसीबी ने मुंबई, ठाणे, नासिक और पुणे में छापे मारे थे. वहां छगन और उनकी फैमिली मेंबर्स के नाम अरबों की प्रॉपर्टी मिली थी.
 
 
मां के साथ बेचते थे सब्जी
राजनीति में आने से पहले छगन भुजबल मुंबई के भायखला सब्जी मंडी में मां के साथ सब्जी और फल बेचा करते थे. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद बाल ठाकरे से प्रभावित होकर भुजबल शिवसेना से जुड़ गए. 1991 में ये शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए. बाद में जब शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर NCP बनाई तो छगन, पवार के साथ चले गए.

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