श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की सरकार ने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के बड़े भाई खालिद वानी के नाम पर घर वालों के लिए चार लाख रुपए का मुआवजा मंजूर किया है. बता दें कि बुरहान वानी के भाई खालिद वानी की पिछले साल 13 अप्रैल को त्राल के जंगलों में सुरक्षाबलों व आतंकियों के बीच मुठभेड़ के दौरान गोलीबारी में मौत हो गई थी.
BJP-PDP सरकार ने तय किया है कि कश्मीर में आतंकी घटनाओं में मारे गए 17 लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देने को मंजूरी दी है, इन लोगों में खालिद वानी के नाम शामिल है, लेकिन उसके पिता ने पैसा लेने से इनकार किया है लेकिन उसके छोटे भाई के लिए सरकारी रोजगार की इच्छा का संकेत दिया है.
बता दें बुरहान मुजफ्फर वानी इसी साल कश्मीर के कोकेरनाग इलाके में आठ जुलाई को अपने दो साथियों संग मारा गया था. उसकी मौत के बाद से घाटी में लगातार बंद और प्रदर्शन का सिलसिला जारी है. इसमें 86 लोगों की मौत हो गई थी. खालिद की मौत पर भारतीय सेना ने कहा था कि वह मुजाहिदीन से जुड़ा हुआ था और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ में मारा गया. वहीं खालिद के परिजनों का कहना है कि वह निर्दोष था. पुलिस ने इस मामले में जांच भी की.
जिला उपायुक्त पुलवामा के कार्यालय ने पिछले दो सालों के दौरान आतंकी हमलों में मारे गए, जख्मी या फिर क्षतिग्रस्त संपत्ति के ब्यौरे के साथ उन लोगों की लिस्ट जारी की है, इनकी मौत अथवा नुकसान के आधार पर संबधित लोगों को ही मुआवजा जारी किया जा रहा है. ये मुआवजा केवल उन मामलों में दी जाती है, जहां मारा गया व्यक्ति आतंकवादी नहीं हो. बुरहान वानी के परिवार को मुआवजा देने पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं.
जानकारों ने कहा है कि यह सीधे तौर पर मुआवजे के नियमों का उल्लंघन है. वहीं खालिद के पिता का कहना है कि मैं पहले दिन से कहता आ रहा हूं कि मेरा खालिद बेटा आतंकी नहीं था. वह तो एक काबिल और पढ़ने वाला बच्चा था. उसके खिलाफ यहां कोई केस भी नहीं था. उसको हिरासत में लेकर यातनाएं दी गईं और उसके बाद वहीं मार दिया, जब हमें उसका शव मिला तो हमने देखा कि उसके दांत टूटे हुए थे लेकिन शरीर पर गोली का निशान नहीं था.