नई दिल्ली. नोटबंदी पर पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह मोदी सरकार को कोस रहे हैं वहीं भारत में जन्मे और विश्वस्तरीय अर्थशास्त्री जगदीश भगवती इस फैसले का खुलकर समर्थन करने के लिए मैदान में आ गए हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में लिखे प्रोफेसर जगदीश भगवती ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला आर्थिक सुधार को लेकर एक अप्रत्याशित कदम है.
भगवती ने लिखा कि यह एक बहादुरी और आर्थिक सुधार का व्यापक कदम है. इसकी कुछ कीमत हो सकती है लेकिन आने वाले समय में इससे कई लाभ होंगे.
भगवती के मुताबिक भारत में तकनीकी का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है दूसरी ओर से यहां की अर्थव्यवस्था नगदी पर ही चल रही है.
जिसका परिणाम यह है कि बड़ी मात्रा में टैक्स चोरी जिसमें रियल इस्टेट में लेन-देन, सोने की खरीददारी, गैर-कानूनी कामों ने काफी अंदर तक जड़े जमा ली हैं.
उन्होंने कहा कि जाली नोटों का व्यापार भी इस बीच खूब फैला है जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा है जो कि सबसे बड़ा चिंता का कारण बन गया था. इतना ही नहीं कालेधन के घातक प्रभावों से और टैक्स चोरी के बारे में हर कोई जानता था लेकिन आज तक किसी ने कोई कदम नहीं उठाया.
लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम बहुत ही साहसिक है. प्रोफेसर भगवती ने विरोध करने वालों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि आर्थिक और राजनीतिक तौर पर रसूख रखने वाले लोगों के कालेधन को इस कदम से खत्म कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले का अर्थशास्त्रियों की ओर से विरोध किए जाने पर भी प्रोफेसर जगदीश भगवती ने कहा कि उनका कहना बिलकुल गलत है. नीति के मुताबिक सरकार पुराने नोटों को नए नोटों से बदल सकती है.
भगवती ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान लोगों को कष्ट उठाना पड़ेगा. लेकिन इससे आने वाले समय में काफी पारदर्शिता आएगी और सरकार की आय में भी बढ़ोत्तरी होगी और सरकार इससे कई कल्याणकारी योजनाएं चला सकेगी.
अर्थशास्त्री भगवती ने आखिरी में लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी को जनता ने चुना है जो किसी भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए किसी भी तरह का रिस्क उठाने को तैयार हैं. हमें उनके अगले कदम का इंतजार करना चाहिए.