हैदराबाद : सऊदी अरब के मुर्दाघरों में करीब 150 भारतीयों की लाशें पिछले एक साल से पड़ी हुई हैं. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के रहने वाले करीब 150 लोगों की लाशें एक साल से अपने वतन भारत लौटने का इंतजार कर रही हैं. मृतकों के परिवार वाले अंतिम संस्कार के लिए अभी भी लाशों का इंतजार कर रहे हैं.
रियाद में भारतीय दूतावास भी इन लाशों को वापस भारत भेजने में असफल रहा है. विदेश मंत्रालय ने लाशों की वापसी के लिए कई खत भारतीय दूतावास के नाम लिख चुके हैं, लेकिन मंत्रालय भी लाशों को भारत लाने में नाकाम रहा.
लाशों की वापसी न होने की मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि जिन लोगों की लाशें सऊदी में पडी़ हुई हैं, वे लोग जिसके भी अंडर काम करते थे, वह लोग ना तो फोन का कोई जवाब दे रहे हैं ना ही ईमेल्स का. सभी 150 लोगों की मौत हादसा, हत्या, बीमारी या आत्महत्या से हुई है.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के हैदराबाद, वारंगल, निजामाबाद, महबूबनगर जैसे इलाकों के कई लोग हर साल सऊदी नौकरी की तलाश के लिए जाते हैं. आंकड़ों के अनुसार केवल आंध्र और तेलंगाना के ही करीब 10 लाख लोग सऊदी में काम करते हैं.
ये हैं नियम
सऊदी के नियमों के मुताबिक अगर किसी की मौत किसी तरह के हादसे में होती है तो 40 दिनों के अंदर लाश को उस आदमी के देश भेजा जाता है और अगर किसी की मौत हत्या की वजह से होती है तो इस मामले की जांच करने में करीब 60 से 90 दिन लग जाते हैं, इसके बाद लाश को स्वदेश भेजा जाता है.
लाश स्वदेश भेजने की प्रोसेस इतनी कठीन और लंबी होती है कि इसमें बहुत ज्यादा समय लग जाता है और यह प्रक्रिया काफी महंगी भी है, इसमें करीब 4 से 6 लाख रुपये का खर्च आता है. यही वजह है कि कर्मचारियों की लाश वापस भेजने में लोग दिलचस्पी नहीं लेते.