नई दिल्ली: पाकिस्तानी सरकार और सेना हमेशा दावा करती है कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं करती, इसका खुलासा पाकिस्तान के कब्जे वाले संगठन जम्मू और कश्मीर अमन फोरम ने किया है. उन्होंने बताया है कि पाकिस्तानी सरकार लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार करने वाले आतंकवादी को एक करोड़ रुपए देती है.
फोरम के नेता सरदार रईस इंकलाबी ने पाकिस्तानी सरकार और सेना पर आरोप लगाया है कि जिन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में बैन किया जाता है, वह उन्हें पीओके में आजाद घुमाते हैं और क्यों सेना ने इन बैन संगठनों को पीओके में खुला छोड़ दिया गया है ? पीओके के मुजफ्फराबाद में एक बार फिर यहां के लोगों ने पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इंकलाबी ने आगे कहा कि पाकिस्तान खूनी और हत्यारों की भर्ती करता है है और उन्हें सीमा पार भारत में पहुंचाकर एक करोड़ रुपए देते है. जो दोनों देशों के बीच तनाव की अहम वजह है. हम पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर तुम (पाकिस्तान) फायरिंग करने में शौकीन हो तो भारतीय सेना से अपनी सेना को लड़ाए.
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से यहां के नागरिकों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है और वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तानी सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर इस साल 440 बार से ज्यादा सीजफायर का उल्लंघन किया है. वहीं पीओके में लश्कर-ए-झांगवी, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन के करीब 100 से ज्यादा आतंकवादी कैंपों में रह रहे हैं और हर वक्त भारत में घुसने की फिराक में हैं.
वहीं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में भी पाकिस्तान के खिलाफ ही खुलकर विरोध प्रदर्शन किया गया. पीओके के तात्रिनोट में विश्व मानवाधिकार दिवस के मौके पर लोगों ने सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान से आजादी के नारे लगाए. यहां के लोगों ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि पाक मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन कर रहा है.