नई दिल्ली: टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद से मिस्त्री टाटा ग्रुप के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. पिछले दिनों साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा पर निशाना साधते हुए कहा था कि फैसले लेने की सभी शक्तियां एक ही व्यक्ति या ‘हाई-कमान’ को सौंप देना अनैतिक, अनुचित और भरोसे को तोड़ना है. वहीं आज टाटा संस ने आज मिस्त्री पर धोखा देने का आरोप लगाया.
टाटा संस ने अपने बयान में कहा कि सायरस मिस्त्री ने साल 2011 में चेयरमैन पद के चुनाव के दौरान चयन कमेटी को गुमराह किया था. संस ने अपने बयान में ये भी कहा कि पिछले 3-4 सालों से बतौर चैयरमैन मिस्त्री के पास टाटा के सभी बड़े प्रोजेक्ट के लिए फैसले लेने का पूरा अधिकार था.
टाटा संस ने मिस्त्री के उस बयान को निराधार बताया जिसमें मिस्त्री ने कहा था कि उन्हें काम करने की स्वतंत्रता नहीं दी गई. समूह ने कहा कि मिस्त्री को खुली छूट दी गई जिसका उन्होंने गलत फायदा उठाया. वहीं सायरस मिस्त्री ने टाटा संस के निदेशक विजय सिंह पर आरोप लगाया है कि उनकी जगह लेने के लिए सिंह ने उनके खिलाफ मनगठंत कहानियां बनाईं. उन्होंने विजय सिंह पर ये भी आरोप लगाया है कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में विजय सिंह का हाथ है.