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टाटा पावर के बोर्ड में बने रहने के लिए साइरस मिस्त्री ने शेयरधारकों से मांगी मंजूरी

टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जा चुके साइरस मिस्त्री ने टाटा पावर के बोर्ड में बने रहने के लिए शेयरधारकों से समर्थन मांगा है. यह समर्थन उन्होने प्रवर्तकों द्धारा बोर्ड से हटाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ मांगा है. मिस्त्री टाटा पावर के बोर्ड में बने रहना चाहते हैं. मिस्त्री ने कहा है कि उनके कार्यकाल में कंपनी ने दूसरे कंपटीटर्स के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है.

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  • December 11, 2016 5:54 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जा चुके साइरस मिस्त्री ने टाटा पावर के बोर्ड में बने रहने के लिए शेयरधारकों से समर्थन मांगा है. यह समर्थन उन्होने प्रवर्तकों द्धारा बोर्ड से हटाए जाने के प्रस्ताव के खिलाफ मांगा है. मिस्त्री टाटा पावर के बोर्ड में बने रहना चाहते हैं. मिस्त्री ने कहा है कि उनके कार्यकाल में कंपनी ने दूसरे कंपटीटर्स के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है. 
 
बता दें कि कंपनी की जनरल मीटिंग 26 दिसंबर को होनी है. बैठक में मिस्त्री को डायरेक्टर पद से हटाने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. शेयरधारकों को लिखे पत्र में मिस्त्री ने लिखा है कि जो प्रयास किए गए उससे पिछले तीन साल में कंपनी को फायदा हुआ है. 
 
उन्होने लिखा है कि देश में पिछले कुछ साल में पावर सेक्टर की रीरेटिंग हुई है इसीलिए उनके कामकाज की तुलना सेंसेक्स के आधार पर करना ठीक नहीं होगा. बता दें कि मिस्त्री टाटा संस के निदेशक मंडल से 2006 में जुड़े. वे दिसंबर 2012 में बोर्ड के चेयरमैन बने. अभी वे टाटा पावर के चेयरमैन हैं. 
 
पत्र में उन्होने कहा है कि 2012 में टाटा पावर के सामने कई चुनौतियां थीं. मूंदड़ा अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के हालातों की वजह से कंपनी के बने रहने को लेकर खतरा था. कंपनी की उत्पादन क्षमता को दोगुना करने के लिए सीजीपीएल को स्थापित किया गया था.

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