नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद एक ओर जहां बैंकों और ATM के बाहर लोगों कि लंबी कतारें देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी ओर अपराधों को लेकर देश भर से एक चौंकाने वाला आकड़ा सामने आया हैं.
8 नवम्बर को प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से 500 और 1000 के पुराने नोटों को अमान्य घोषित किये जाने के फैसले के बाद राजधानी दिल्ली समेत देश भर में जघन्य अपराधों में भारी कमी देखने को मिली हैं.
अकेले दिल्ली में जघन्य अपराधों में 33 फीसदी की कमी देखी गई हैं. पिछले एक महीने से फिरौती के लिए अपहरण की कोई भी वारदात सामने नहीं आयी हैं.
अगर अपराधों के इन आंकड़ों की तुलना पिछले साल के आंकड़ों से की जाय तो जहां इस साल पिछले एक महीने में हथियारों के बल पर कैश रॉबरी की 315 घटनाए हुई वहीं पिछले साल इस दौरान 561 ऐसे वारदातें हुई थी.
नोटबंदी के बाद रंगदारी के मामलों में भी 55 फीसदी की कमी आई हैं. पिछले साल जहां 8 नवंम्बर से 9 दिसम्बर के बीच एक्सटोर्शन की 20 वारदातें हुई थी वहीं इस साल इस समयांतराल में एक्सटोर्शन की सिर्फ 9 वारदातें सामने आई हैं.
पिछले एक महीने में मर्डर, डकैती और एक्सटोर्शन की वारदातों में कही आई हैं. पर एटीएम और बैंकों की लाइनों में खड़े लोगों की बीच हुई झड़पों की घटनाओं में वृद्धि हुई हैं.