नई दिल्ली: शनिवार को विश्व गीता जयंती का मुख्य पर्व मनाया जा रहा है. गीता जयंती को मोक्षदा एकादशी भी कहते हैं. गीता जयंती पर 30 साल बाद सूर्य और शनि का ग्रह मिलन होगा. गीता ग्रंथ का प्रादुर्भाव मार्गशीर्ष मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को कुरुक्षेत्र में हुआ था. महाभारत के समय श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को ज्ञान का मार्ग दिखाते हुए गीता का आगमन होता है.
हर परेशानी का समाधान है गीता
कृष्ण ने अर्जुन को 45 मिनट में गीता का ज्ञान दिया था. श्रीमद् भगवद् गीता में अनेक प्रकार की योग पद्धतियां बताई गई हैं भक्ति योग, कर्म योग, ज्ञान योग, हठ योग. योग शब्द का अर्थ होता है ‘जोड़ना’. गीता के बारे में कहा जाता है कि आप अगर इसके अनुसार चलेंगे तो आपके जीवन में परेशानियां कम होंगी. जिस व्यक्ति को नौकरी नहीं मिल रही वह परेशान है तो उनके लिए भी गीता काफी कारगार है.
इस दिन क्या करें ?
गीता के विचारों से मनुष्य को उचित बोध कि प्राप्ति होती है, यह आत्मतत्व का निर्धारण करता है, उसकी प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है. इस दिन जयन्ती होने से गीता की सुगन्धित फूलों द्वारा पूजा, कर गीता का पाठ करना चाहिए. मान्यता के अनुसार गीता व भगवान विष्णु की पूजा करने पर व शक्ति दानादि करने से पापों से मुक्ति मिलती है.
गीता के 10 महाज्ञान
- नरक में जानें के तीन रास्ते हैं लालच, गुस्सा और हवस
- कर्म करो फल की इच्छा न करें क्योंकि कर्म हमेशा फल से अच्छा ही होता है
- क्या हुआ था? क्या हो रहा है? क्या होगा? आप कभी भी अपने बीते हुए कल को ठीक नहीं कर सकते और आने वाले भविष्य को कभी देख नहीं सकते. केवल चिन्ताएं कर सकते हैं. वर्तमान में क्या हो रहा है. उस पर ध्यान दें भविष्य में नहीं वर्तमान में जिएं.
- जो व्यक्ति संदेह करता है वह कभी खुश नहीं रह सकता
- जो आपके जीवन में हो रहा है आप उसे नहीं बदल सकते. जीवन और मृत्यु के बीच में जो अंतर है उसे आंका नहीं जा सकता. मौत और जीवन के बीच में थोड़ा ही फर्क है. बस एक सोच है ये दोनों और इसे हम भोगते हैं. आपका मन बहुत छोटा भी है और बड़ा भी है उसी के द्वारा ही विचार उत्पन्न होते हैं. सार बस ये है कि सब कुछ आपका है और आप सब के हो.
- सम्मानित व्यक्ति के लिए अपमान मृत्यु से भी बदतर है
- यह शरीर आपका नहीं है और न ही आप शरीर के हो. यह शरीर पंच तत्व का है इसी से ही बना है इसमें ही समा जाएगा. आत्मा आपकी है विचार करो आप कौन हो?
- डरो मत यह मत सोचो क्या हुआ था ? क्या हो रहा है? क्या होगा ? असलियत क्या है ? सच्चाई कभी नहीं मरती.
- आदमी अपने विश्वास से बनता है विश्वास है तो आप हो.
- क्रोध सारी समस्याओं की जड़ है. अगर आप क्रोध नहीं करते हैं तो जीवन आपका बहुत सरल हो जाएगा. मन हमेशा इर्ष्या और चिन्ता से भरा रहता है.