नई दिल्ली : सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने टेलीफोन एक्सचेंज केस में डीएमके नेता दयानिधि मारन के खिलाफ चेन्नई की एक अदालत में चार्जशीट (आरोप-पत्र) दाखिल कर दी है.
शुक्रवार को सीबीआई ने पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन, उनके भाई और सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कलानिधि, सन टीवी नेटवर्क के दो अधिकारी समेत बीएसएनएल के दो तत्कालीन मुख्य महाप्रबंधक और दयानिधि के एक सहायक को भी आरोपी बनाया है.
सरकारी खजाने को हुआ था नुकसान
दयानिधि के खिलाफ यह आरोप-पत्र इसलिए दाखिल किया गया है क्योंकि उनके ऊपर उनके आवास से 764 हाई-स्पीड डेटा लाइनें एक प्राइवेट टीवी चैनल की तरफ से इस्तेमाल किए जाने से सरकार खजाने को 1.78 करोड़ रुपये का नुकसान होने का आरोप लगा है. जिस वक्त सरकारी खजाने को नुकसान हुआ था उस वक्त मारन केंद्रीय मंत्री थे.
सीबीआई ने इस केस में कहा है कि मारन के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है.
रिपोर्ट्स है कि साल 2004 से 2007 तक मारन के नाम पर करीब 764 टेलीफोन नंबर मुहैया कराए गए थे, जिसके लिए उन्हें बिल भी नहीं देना पड़ा था, जिसकी वजह से सरकार को भारी नुकसान हुआ था. सीबीआई का कहना है कि इससे चेन्नई में बीएसएनएल और दिल्ली में एमटीएनएल को 1.78 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ था.