नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को कड़े आलोचनात्मक स्वर में कहा है कि यह फैसले को बड़ी आपदा बताया है. इस फैसले ने एक अरब से ज्यादा भारतीयों का विश्वास नष्ट कर दिया है. उन्होंने देश को मुश्किल दौर के लिए तैयार रहने को कहा है.
मनमोहन सिंह ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिन्दू’ के संपादकीय आलेख ‘विशाल त्रासदी की रचना’ में बेबाकी से अपने विचार रखे और कहा कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी और नौकरियों के सृजन में काफी दूर तक प्रभाव पड़ेगा. पैसा एक विचार है जो आत्मविश्वास को प्रेरित करता है. नोटबंदी के इस एलान ने 100 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के आत्मविश्वास को समाप्त कर दिया.
इस फैसले से प्रधानमंत्री का यह सोचना गलत है कि सारा कैश कालेधन में और सारा कालाधन कैश में मौजूद है. यह मान्यता असलियत से दूर है. इस फैसले की वजह से हमारे ईमानदार भारतीयों को भारी नुकसान होगा, और काला धन जमा करने वाले और बेईमान को हल्की-सी चोट के बाद बच निकलेंगे. पीएम मोदी के इस फैसले से एक ही रात में 500 और 1000 रुपए के रुप में मौजूदा देश की 85 फीसदी मुद्रा बेकार गई.
मनमोहन के अनुसार यह प्रत्यक्ष है कि अचानक लागू की गई नोटबंदी के फैसले से लाखों-करोड़ों भारतीय उपभोक्ताओं के विश्वास को ठेस पहुंची है, और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में गंभीर आर्थिक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि अगर 500 और 1000 रुपए के बैन के पीछे पीएम मोदी की मंशा कालेधन, जाली नोट, आतंकवाद की फंडिग और भ्रष्टाचार से मुकाबला करना है तो यह सराहनीय प्रयास है. लेकिन उन्होंने साथ में चेताया भी कि एक काफी लोकप्रिय कहावत है कि यदि आपको अपने इरादे के अनुसार काम करना चाहिए नहीं तो परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.