नई दिल्ली: सरकार एक तरफ नोटबंदी के फैसले को कामयाब बताते हुए अपनी पीठ थपथपा रही है वहीं दूसरी ओर आरएसएस का कहना है कि मोदी सरकार के आने के बाद बेरोजगारी में बढ़ोतरी हुई है. आरएसएस की मजदूर शाखा भारतीय मजदूर शाखा के निदेशक बैजनाथ झा ने कहा कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद 1 लाख 35 हजार नौकरियां आई है जबकि 20 लाख से ज्यादा लोग अपनी नौकरी गवा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय भी कमोबेश यही स्थिति थी लेकिन नोटबंदी के फैसले के बाद असंगठित क्षेत्रों की स्थिति भयानक हो गई है.
बैजनाथ राय का बयान ऐसे समय पर आया है जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी दुख के साथ कहा है कि भारत जॉबलैस ग्रोथ की तरफ बढ़ रहा है.
नोटबंदी को लेकर बैजनाथ राय ने कहा कि सरकार कैशलैस इकनॉमी की तरफ बढ़ रहा ही लेकिन इसे हासिल करना काफी मुश्किल होगा क्योंकि हमारा समाज शुरू से ही नगद पर निर्भर रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि नोटबंदी से पहले सरकार को सुनिश्चित कर लेना चाहिए था कि पर्याप्त मात्रा में नोटों की छापाई हो गई हो और बैंकों में भी नोट बदलने की पूरी सुविधा दी गई हो.