नई दिल्ली : पूर्व न्यायाधिश मार्कंडेय काटजू खुली कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हो गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने केरल की सौम्या हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके यह बात कही.
उन्होंने कोर्ट से अदालत की अवमानना के मामले को बंद करने की गुहार भी की. काटजू की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वो न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और उन्होंने सौम्या हत्या मामले में कोर्ट के फैसले से संबंधित सारे FB पोस्ट भी हटा दिए हैं.
इसके साथ ही काटजू ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि छुट्टियों पर जाने से पहले उनके मामले को सुना जाए. अब जस्टिस काटजू ने दो पन्नों की अर्जी दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से मामले को बंद करने की अपील की है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सौम्या मर्डर केस में ब्लॉग लिख कर जजों की आलोचना करने पर काटजू को न्यायालय की अवमानना का नोटिस जारी कर दिया था. 11 नवंबर के दिन काटजू को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 6 हफ्तों का समय दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए कहा था कि जस्टिस गोगोई पर काटजू की टिप्पणी तीन जजों की बेंच की आलोचना थी.
क्या पोस्ट लिखा था काटजू ने ?
काटजू ने अपनी फेसबुक पोस्ट में कोर्ट के फैसले की आलोचना की थी. उन्होंने लिखा था कि आरोपी को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया जिससे वह फांसी से बच निकला.
इसके बाद न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति यू यू ललित की एक पीठ ने काटजू को एक नोटिस जारी करके कहा था कि वे एक अच्छे आदमी हैं. इसलिए हम उनसे निजी तौर पर बात करना चाहते हैं. वे अदालत में पहुंचकर हमारे फैसलों की खामियों को उजागर करें.
क्या है सौम्या मर्डर केस ?
बता दें कि 23 फरवरी 2011 को सौम्या ट्रेन से केरल के शोरनुर जा रही थी. इसी दौरान गोविन्दाचामी ट्रेन में चढ़ा, सौम्या के साथ लूटपाट और विरोध करने पर सौम्या को ट्रेन से नीचे फेंक दिया. इसके बाद वह ट्रेन से कूद गया और सौम्या का रेप कर डाला.
इसके बाद 6 फरवरी को इलाज के दौरान सौम्या की मौत हो गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट गोविन्दाचामी को सिर्फ रेप का दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनाई. कोर्ट के इस फैसले पर सौम्या की मां ने कहा था कि ये न्याय व्यवस्था की हार है. बेटी को इंसाफ नहीं मिल सका.