नई दिल्ली: जिस नोटबंदी के फैसले का जिक्र हर किसी की जुबां पर है उस फैसले को सीक्रेट बनाये रखने में किन लोगों की भूमिका थी इसे लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है. पीएम मोदी की इस टीम में शामिल लोगों के बारे में वित्तीय दुनिया से बाहर के लोगों को शायद कम ही लोग जानते होंगे.
जानकारों की माने तो इसमें केन्द्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया और पांच अन्य लोग शामिल थे. यह लोग मोदी की नोटबंदी की योजना के बारे में सब कुछ जानते थे और उनके नई दिल्ली के आवास के दो कमरों में लगातार काम कर रहे थे.
यह वही लोग थे जिन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से आर्थिक सुधार की दिशा में उठाये गए सबसे बड़े कदम को मुमकिन बनाया था. बता दें कि 8 नवंबर की रात को 500 और 1000 रूपये की नोटबंदी के एलान ने सभी का ध्यान खींचा था.
सरकार की माने तो इसे गुप्त बनाये रखना इसलिए जरुरी था क्योंकि इसकी जानकारी लगने पर काला धन रखने वाले अपना पैसा ठिकाने लगा सकते थे. इसे ठिकाने लगाने के लिए सोना, जमीन और अन्य तरह की संपत्तियों में निवेश का सहारा काला धन रखने वाले लेते.
सरकार के इस फैसले के बाद से लोग तारीफ और तकलीफों का बखान खुल कर रहे हैं. इसके अलावा अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री को इसका फायदा मिलेगा या नहीं यह देखने वाली बात होगी लेकिन अन्य पार्टियां अभी से कहने लगी हैं कि सरकार ने यह फैसला चुनावो से ठीक पहले विपक्षी दलों को आर्थिक तौर पर कमजोर करने के लिए लिया है.