नई दिल्ली. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने चिट्ठी में सेना को राजनीतिक विवाद में घसीटे जाने पर दुख जताया है. एक और दो दिसंबर को पश्चिम बंगाल में सेना का यह रूटीन अभ्यास था. आर्मी हर साल पूरे देश में इस तरह का अभ्यास करती है. ये पिछले साल यानी 2015 में भी ऐसा हुआ था और सेना को इस तरह राजनीति में घसीटना गलत है.
आपने जिस तरह मीडिया के अभ्यास का पूरी मीडिया के सामने आपने जो बात कही है उससे मुझे काफी दुख पहुंचा है. यदि आप राज्य सरकार की एजेंसियों से सेना के अभ्यास के बारे में पूछतीं तो आपको पहले ही इस बारे में जानकारी मिल जाती. भारतीय सेना को देश में अनुशासन के लिए जाना जाता है. वो देशवासियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
जिस प्रकार आपने सेना की भूमिका पर सवाल उठाए हैं, वह उनके आत्मविश्वास को गिराने वाला है. आपने सेना को बिना वजह के विवादों में घसीटा है, यह दुखदायी है. आपके आरोपों से देश की सेना के मनोबल पर बुरा असर पड़ा है.
बता दें कि ममता बनर्जी ने कोलकाता के नबन्ना, दनकुनी और पलसित के टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती पर नाराजगी जताई थी. ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह सेना को तैनात किया जाना एक गंभीर मुद्दा है. राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. उन्होंने इस तरह सेना की तैनाती को असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रपति से मोदी सरकार की शिकायत करने का मन भी बनाया है.
बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पहले तो ममता ने फ्लाइट में तेल की कमी को मोदी सरकार पर डाल दिया अब सेना के अभ्यास को भी अपने उपर जोड़ लिया, नोटबंदी की वजह से ममता को इतना नुकसान हुआ है कि वह उसके बाद मानिसक संतुलन में नहीं हैं. राजनीतिक जानकार अंदाजा लगा रहे हैं कि आखिर क्यों ममता ने मोदी सरकार के खिलाफ इतना आक्रामक रुख अपना रखा है ? इसके पीछे आखिरकार सच्चाई क्या है ?
सेना ने किया इनकार
सेना ने ट्वीट करते हुए कहा कि आर्मी पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी जानकारी और उनके सहयोग से ही रुटीन अभ्यास कर रही है. ये बिल्कुल गलत है कि टोल प्लाजा पर आर्मी के कब्जे किया है. सेना ने अपने अगले ट्वीट में बताया कि हमने सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में रुटीन अभ्यसास हो रहे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल के 19, अरुणाचल प्रदेश के 13, असम के 18, मणिपुर के 6, मेघालय के 5, नागालैंड के 5, त्रिपुरा और मिजोरम के 1 स्थान शामिल किया गया है.