नई दिल्ली: रुपे (RuPay) दरअसल दो शब्दों से मिल कर बना है- रुपी और पेमेंट. वीसा और मास्टर कार्ड की तरह काम करने वाला रुपे कार्ड पहला देसी कार्ड है.
जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वीसा और मास्टर कार्ड हैं, वैसे ही रुपे कार्ड क्रेडिट/डेबिट कार्ड का भारतीय संस्करण है. इस व्यवस्था की शुरुआत के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया था जिनके पास खुद का पेमेंट गेटवे है. अमेरिका, जापान और चीन के बाद इस सूची में शामिल होने वाला भारत महज चौथा देश है.
क्या हैं इसके फायदे
1) इस कार्ड के जरिये एटीएम से कैश निकालने के अलावा, पीओएस और ऑनलाइन प्लेगटफार्म पर लेन-देन भी किया जा सकता है.
2) रुपे की लागत इंटरनेशनल कार्ड की तुलना में काफी कम है. इस कार्ड से होने वाले लेन देन पर बैंकों को इंटरनेशनल कार्ड के मुकाबले 40 फीसदी कम अदायगी करनी होती है.
3) इसके जरिए होने वाले ट्रांजैक्शंस भी तेज गति से होते हैं.
4) इसमें बेहतरीन सिक्योरिटी फीचर्स हैं. इस कार्ड के साथ ईएमवी (यूरोपे, मास्टरकार्ड और वीसा) चिप लगा हुआ है. इसके अलावा इसमें कार्ड होल्डर डेटा के साथ माइक्रो प्रोसेसर सर्किट भी है.
क्या होता है पेमेंट गेटवे
पेमेंट गेटवे दरअसल वह प्लेटफॉर्म होता है जो इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर में बैंकों की मदद करता है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने देश में पेमेंट सिस्टम्स को इंटीग्रेट करने के लिए इस कार्ड की शुरुआत की थी.
हालांकि एनपीसीआई का इरादा इसे देश से बाहर भी बढ़ावा देना है. इसके लिए इसने डिस्कवर फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म के साथ समझौता किया है.
रुपे कार्ड की मौजूदा स्थिति
सभी प्रमुख सरकारी बैंक इन दिनों रुपे कार्ड जारी कर रहे हैं. किसी भी अन्य क्रेडिट/डेबिट कार्ड की तरह यह देश के 1.45 लाख एटीएम और 8.75 लाख पीओएस टर्मिनल पर स्वीकार किया जाता है.
इसके अलावा यह 10,000 ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर भी स्वीकार किया जाता है. अब तक देश में 2.5 करोड़ रुपे कार्ड जारी हो चुके हैं और इस पर हर रोज लगभग सात लाख बैंक ट्रांजैक्शन हो रहे हैं.