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यूपी में ‘तमंचे वाले गुंडों’ का तांडव

ये 21वीं सदी है और ऐसा माना जाता है कि 21वीं सदी विकास की सदी है. इस सदी में हमारा हिंदुस्तान एक महाशक्ति है, यहां विकास का पहिया चौबीसो घंटे घूमता है. लेकिन इस महाशक्ति की एक दर्दनाक, खौफनाक तस्वीर भी है. ये तस्वीरें विकास के दावों के उलट कड़वी सच्चाई बयान करता है.

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  • December 7, 2016 3:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

नई दिल्ली: ये 21वीं सदी है और ऐसा माना जाता है कि 21वीं सदी विकास की सदी है. इस सदी में हमारा हिंदुस्तान एक महाशक्ति है, यहां विकास का पहिया चौबीसो घंटे घूमता है. लेकिन इस महाशक्ति की एक दर्दनाक, खौफनाक तस्वीर भी है. ये तस्वीरें विकास के दावों के उलट कड़वी सच्चाई बयान करता है. 

कुछ इंसानों का दिमाग चौबीसो घंटे उल्टी दिशा में घूम रहा है. जिस उम्र में एक इंसान टीचर, डॉक्टर, वैज्ञानिक तक बन जाता है, इस उम्र को कुछ लोग गुंडागर्दी में जाया कर देते हैं. 

ऐसे लोगों को एक भ्रम होता है कि ये सबसे ताकतवर हैं. दुनिया इनके कदमों में है. पर सच्चाई ये होती है कि आज नहीं तो कल ये लोग अपने इस पेशे की कीमत अपनी जान गंवाकर या फिर सारा जीवन जेल की सलाखों के पीछे काटकर बिता देते हैं. 
वीडियो में देखें पूरा शो-

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