श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को अंतरिक्ष के क्षेत्र में बुधवार सुबह 10.25 बजे एक और कामयाबी मिल गई है. ISRO ने अपने ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान PSLV-C36 के जरिए 1235 किलोग्राम वजनी दूरसंवेदी सैटेलाइट रिसोर्ससैट-2ए का सफल प्रक्षेपण किया गया. इस सैटेलाइट से मौसम की विशेष जानकारी मिल पाएगी.
ISRO के रिसोर्ससैट-2ए को 827 किलोमीटर की ऊंचाई वाली सौर स्थैतिक कक्षा में स्थापित होगा. रिसोर्ससैट-2ए को सूर्य की सिंक्रोनाइज ऑर्बिट में पहुंचाया जाएगा. रिसोर्ससैट-2ए रिमोट सोर्सिंग सैटेलाइ है इसका उद्देश्य संसाधनों की खोज और निगरानी है. इसकी लॉन्चिंग का मकसद रिसोर्ससैट-1 और रिसोर्ससैट-2 सैटेलाइट को रिप्लेस करना है.
इस सैटेलाइट से यह जानने में भी सहायता मिल सकती है कि भारत के किस हिस्से में कौन से मिनरल हैं. सैटेलाइट को प्रक्षेपण करने का पूरा मिशन 17 मिनट 55 सेकेंड का है. यह चौथे चरण के ईंजन प्रज्ज्वलन तक 8 मिनट 42 सेंकेंड में प्रक्षेपण यान 630 किलोमीटर की ऊंचाई हासिल कर चुका होगा और 17 मिनट 55 सेकेंड में उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया जायेगा.
इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा कि पीएसएलवी-सी36 ने रिसोर्ससैट-2ए को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है. यह सैटेलाइट हमारे तीन चरणीय इमेजिंग डाटा की निरंतरता बनाए रखेगा, जो हमें पानी और जमीन से जुड़ी विभिन्न तरह की अनुप्रयोगों के लिए बेहद उपयोगी होगा.