नोटबंदी पर संसद में ‘संग्राम’ जारी, गुलाम नबी आजाद बोले- 84 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

संसद का शीतकालीन सत्र जब से शुरू हुआ है नोटबंदी के मुद्दे पर रोज ही हंगामा हो रहा है. मंगलवार के दिन संसद स्थगित रहने के बाद आज यानी बुधवार को फिर से कार्यवाही शुरू की गई, लेकिन इसकी शुरुआत फिर से नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के साथ ही हुई.

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नोटबंदी पर संसद में ‘संग्राम’ जारी, गुलाम नबी आजाद बोले- 84 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन ?

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  • December 7, 2016 6:11 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र जब से शुरू हुआ है नोटबंदी के मुद्दे पर रोज ही हंगामा हो रहा है. मंगलवार के दिन संसद स्थगित रहने के बाद आज यानी बुधवार को फिर से कार्यवाही शुरू की गई, लेकिन इसकी शुरुआत फिर से नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामे के साथ ही हुई.
 
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने आज फिर संसद में नोटबंदी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नोटबंदी के फैसले के बाद भी हालात नहीं बदले हैं. उन्होंने कहा कि एक महीने में ही 84 लोगों की मौत हो चुकी है. उन 84 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन हैं. नबी आजाद ने कहा, ‘गरीब जनता के साथ खिलवाड़ न किया जाए.’ 
 
इसके अलावा विपक्ष ने पीएम मोदी से अपने बयान के लिए माफी मांगने को कहा है. विपक्ष कहा कहना है कि जब तक पीएम मोदी संसद में अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते चर्चा नहीं होगी. 
 
मायावती ने भी किए सवाल 
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी नोटबंदी के मुद्दे पर कहा है कि इस फैसले से पूरा देश परेशान है, दुखी है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद भी हालात जस के तस हैं.
 
जेटली ने दिया जवाब
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि सरकार नोटबंदी पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं होने दे रहा है. उन्होंने कहा कि 2 मिनट का हंगामा बस कर रहा है विपक्ष, चर्चा नहीं करना चाहता.
 
राज्यसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित
राज्यसभा में विपक्ष की तरफ से नोटबंदी के मुद्दे पर जोरदार हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करा दी गई है. वहीं लोकसभा की कार्यवाही भी नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे के बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
 
बता दें कि पहले भी गुलाम नबी आजाद ने नोटबंदी के कारण मरने वाले लोगों के सवाल को संसद में उठाया था. उन्होंने नोटबंदी की तुलना उरी हमले से करते हुए कहा था कि नोटबंदी से इतने लोग मर गए हैं जितने उरी हमले में नहीं मरे थे.

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