नई दिल्ली: आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस है. यह 1949 के बाद से हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है. झंडा दिवस भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए भारत की जनता से धन का संग्रह के प्रति समर्पित एक दिन है. यह देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन है.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश के शहीद सैनिकों और उनके परिजनों के प्रति नागरिक जुड़ाव प्रदर्शित करने का दिवस है. हर एक नागरिक का कर्तव्य है कि वह 7 दिसम्बर को सैनिकों के सम्मान और उनके कल्याण के लिए योगदान दें.
क्या होता है इस दिन
इस दिन धनराशि का संग्रह किया जाता है, जो कि झंडे के स्टीकर देकर जमा किया जाता है. 2015 वर्ष (7 दिसम्बर 2015 से 6 दिसम्बर 2016 तक ) में शहर के लोगों की ओर से झंडे का स्टीकर काफी मात्रा में लिया गया और सैनिकों के कल्याण के लक्ष्य से अधिक राशि संग्रह की गई. इस तरह पूरे साल भर में 19 लाख रुपए की राशि पूरे जिले से एकत्रित की गई. इसका लक्ष्य 9 लाख 60 हजार होता है, लेकिन इससे दोगुना राशि जमा की गई.
शहीदों के कल्याण के लिए खर्च की जाती है राशि
इस दिन जो राशि एकत्र की जाती है. वह झंडा दिवस कोष में जमा कर दी जाती है. इस राशि का इस्तेमाल युद्धों में शहीद हुए सैनिकों के परिवार, हताहत हुए सैनिकों के कल्याण व पुनर्वास में खर्च की जाती है. यह राशि सैनिक कल्याण बोर्ड की माध्यम से खर्च की जाती है. देश के हर नागरिक को चाहिए कि वह झंडा दिवस कोष में अपना योगदान देकर देश के झंडे का सम्मान हमेशा बनाए रखे.