चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकीं जयललिता का पार्थिव शरीर मरीना बीच पर उनके राजनीतिक गुरु मुरुथर गोपालन रामचंद्रन (एमजीआर) की समाधि के पास ही दफनाया दिया गया है. जयललिता की करीबी शशिकला ने अंतिम रस्में निभाईं. उनकी विदाई में लाखों की भीड़ उमड़ी और कई वीवीआईपी शामिल हुए. उनके शव को चंदन की लकड़ी से बने ताबूत में रखकर दफनाया गया है.
जयललिता को हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से जलाने के बजाए इसलिए दफनाया गया क्योंकि एमजीआर का शव भी दफनाया गया था. एमजीआर और जयललिता का फिल्मों से लेकर राजनीति तक साथ रहा है. जयललिता ने एमजीआर के बाद एआईएडीएमके की कमान संभाली थी.
सोमवार रात हुआ निधन
बता दें कि सोमवार रात 11:30 बजे 68 वर्षीय जयललिता का अपोलो अस्तपाल में निधन हो गया था. उन्हें रविवार शाम को दिल का दौरा पड़ा था. जयललिता पिछले ढाई महीने से अस्पताल में भर्ती थीं और उनकी तबीयत को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी. खबरें तो यह भी हैं कि जयललिता इससे पहले से बीमार चल रही थीं.
आज जयललिता की अंतिम विदाई में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ है. लोगों की आंखों में आंसु हैं. वे रविवार शाम से ही जयललिता के ठीक होने की दुआएं मांग रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने अम्मा के नाम से जानी जाने वाली जयललिता को श्रद्धांजलि दी. वहीं, दक्षिण भारतीय सुपरस्टार रजनीकांत ने भी अपने परिवार के साथ राजाजी हॉल पहुंचकर जयललिता को श्रद्धांजलि दी.