पुण्यतिथि: जानें ‘भारतीय संविधान के जनक’ भीम राव अंबेडकर’ के बारे में कुछ अनसुनी बातें

नई दिल्ली: आज 6 दिसंबर है. आज भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की 60वीं पुण्यतिथि है. उन्हें, ‘भारतीय संविधान का जनक’ कहा जाता है. भारत देश के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शिक्षा, कानून कई क्षेत्रों में उनके अतुलनीय योगदान रहे है इसलिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को आधुनिक भारत के निर्माता भी कहां जाता है.
  1. डॉ.  अंबेडकर ‘बाबासाहेब’ के नाम से लोकप्रिय हैं, जिसका मराठी भाषा में अर्थ ‘पिता’ होता है।
  2. अंबेडकर साल 1951 में देश के पहले कानून मंत्री बने.
  3. प्रकांड विद्वान एवं बहुश्रुत डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की 64 विषयों पर मास्टरी थी, जो कि केंब्रिज विश्वविद्यालय, इंग्लैंड के 2011 के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के इतिहास में सबसे ज्यादा है.
  4. अमेरिका के विश्वप्रसिद्ध कोलंबिया विश्वविद्यालय ने बाबासाहेब को विश्व के टॉप 100 विद्वानों में शीर्ष पर स्थान दिया तथा भारत में हुए ‘दि ग्रेटेस्ट इंडियन’ नामक विश्वस्तर के भारतीय सर्वेक्षण में भी बाबासाहेब टॉप 100 भारतीयों में पहले ‘सबसे महानतम् भारतीय’ या दि ग्रेटेस्ट इंडियन साबित हुए हैं.
  5. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ही भारत के अब तक के पहले सबसे महान अर्थशास्त्री हैं.
  6. 1932 में दलित अधिकारों के लिए पूना संधि पर हस्ताक्षर किया.
  7. भारत में ऐतिहासिक बौद्ध धर्मं में परिवर्तन के अवसर पर, 14 अक्टूबर 1956 को अपने अनुयायियों के लिए 22 प्रतिज्ञाएं निर्धारित कीं जो बौद्ध धर्म का एक सार या दर्शन है.
  8. 1942 में वायसराय के एक्सिक्यूटिव काउंसिल के लेबर मेंबर बने.
  9. लंदन में हुए पहले गोलमेज सम्मेल में शोषितों का प्रतिनिधित्व किया.
  10. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को महापरिनिर्वाण के 34 वर्ष बाद साल 1990 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है.
6 दिसंबर 1956 को अम्बेडकर स्वर्गसिधार हो गए
1948 से, अम्बेडकर मधुमेह से पीड़ित थे. जून से अक्टूबर 1954 तक वो बहुत बीमार रहे इस दौरान वो कमजोर होती दृष्टि से ग्रस्त थे. राजनीतिक मुद्दों से परेशान अम्बेडकर का स्वास्थ्य बद से बदतर होता चला गया और 1955 के दौरान किये गये लगातार काम ने उन्हें तोड़ कर रख दिया. अपनी अंतिम पांडुलिपि बुद्ध और उनके धम्म को पूरा करने के तीन दिन के बाद 6 दिसम्बर 1956 को अम्बेडकर का निधन हो गया. 7 दिसंबर को मुंबई में दादर चौपाटी समुद्र तट पर बौद्ध शैली मे अंतिम संस्कार किया गया जिसमें उनके लाखों समर्थकों, कार्यकर्ताओं और प्रशंसकों ने भाग लिया. उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें साक्षी रखकर उनके करीब 10,00,000 अनुयायीओं ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी, ऐसा विश्व इतिहास में पहली बार हुआ.
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