जयललिता के बाद ओ पन्‍नीरसेल्‍वम ने संभाली मुख्यमंत्री पद की कमान, पीएम नरेंद्र मोदी की तरह बेच चुके हैं ‘चाय’

Chennai: रविवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को दिल का दौरा पड़ा और सोमवार को उनका निधन हो गया. निधन के बाद से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है. जयललिता के निधन के बाद उनके भरोसेमंद मंत्री ओ पन्‍नीरसेल्‍वम को अन्‍नाद्रमुक ने पार्टी का नया नेता चुना है.

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जयललिता के बाद ओ पन्‍नीरसेल्‍वम ने संभाली मुख्यमंत्री पद की कमान, पीएम नरेंद्र मोदी की तरह बेच चुके हैं ‘चाय’

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  • December 6, 2016 3:25 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
चेन्नई : रविवार को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को दिल का दौरा पड़ा और सोमवार को उनका निधन हो गया. निधन के बाद से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है. जयललिता के निधन के बाद उनके भरोसेमंद मंत्री ओ पन्‍नीरसेल्‍वम को अन्‍नाद्रमुक ने पार्टी का नया नेता चुना है. जिसके बाद उन्होंने तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली.
 
देर रात जयललिता के निधन के बाद राज्‍यपाल सी विद्यासागर राव ने मुख्‍यमंत्री के रूप में पन्‍नीरसेल्‍वम को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. पन्नीरसेल्वम थेवर समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. वो भी तब जब भ्रष्‍टाचार के मामलों को लेकर जयललिता को पद से हटना पड़ा था. पन्‍नीरसेल्‍वम 22 सितंबर से तमिलनाडु के अनौपचारिक रूप से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर पद संभाले हुए थे. 
 
 
चाय स्टॉल खोली
14 जनवरी 1951 को जन्में ओ पन्नीरसेल्वम कभी चाय भी बेचा करते थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री ओ पन्‍नीरसेल्‍वम पहले एक चाय दुकान के मालिक थे और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह किसी दौर में चाय बेचा करते थे. उन्होंने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर चाय स्टॉल खोला था और बाद में अपने दोस्त की मदद से ही राजनीति में उन्होंने कदम रखा. पन्नीरसेल्वम ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत पेरियाकुलम नगरपालिका के चेयरमैन के तौर पर की थी. 
 
पहले 6 माह का कार्यकाल
2001 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद जयललिता को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा था जिसके बाद पनीरसेल्वम ने राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर कमान संभाली थी. सिर्फ 6 माह के अपने कार्यकाल का निर्वाह करने के बाद 2002 में उपचुनाव जीतकर जयललिता फिर मुख्यमंत्री बन गईं. 
 
दूसरी बार फिर संभाली कमान
2011 में विधानसभा चुनाव में जीत के बाद उन्हें वित्त मंत्री का पद मिला और 2014 में जयललिता पर फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. जिस कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था और उस समय भी पनीरसेल्वम ने राज्य की एक बार फिर से कमान संभाली थी. 

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