नई दिल्ली. नोटबंदी के बाद बैंक और एटीएम के बाहर अब ऐसी लाइन आम हो चुकी है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन ट्रॉजेक्सन के जरिए समान खरीदना ज्यादा आसान तारिका बन चुका है. प्लास्टिक मनी के जरिए ज्यादा तर लोग अपने घर के जरुरी सामान खरीद रहे है. लेकिन ऐसा करते समय थोड़ी सी भी चूक हुई तो क्रेडिट कार्ड से फ्राड ट्रॉजेक्सन होने का खतरा भी है.
दुनिया की सबसे बढ़ी सुरक्षा तकनीकी कंपनी ‘सीईआरटी-इन’ ने दावा किया है कि भारत में आसानी से एटीएम को हैक किया जा सकते हैं. भारत के बैंकों में डाटा सेंटर, नेटवर्क और मोबाइल बैंकिंग पर सैंध लगाई जा सकती है.
माइक्रो एटीएम और पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें सबसे आसान निशाना हैं. इनसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स का डेटा आसानी से चोरी हो सकता है. सीईआरटी-इन के अनुसार कि हैकर्स स्वाइप मशीन में एक इलेक्ट्रानिक उपकरण (स्कीमर मशीन यानी कार्ड रीडर) को लगाकर क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड का पासवर्ड और गोपनीय नंबर को आसानी से जान सकता है.
ऑनलाइन डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के जरिए लेन-देन करते समय इस बात का जरुर ध्यान रखें की मशीन से कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तो कनेक्ट नहीं है. ध्यान रखें कि ध्यान रखें कि केवल मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड की जगह चिप वाले कार्ड का ही उपयोग करें. इसके अलावा माइक्रो एटीएम का सॉफ्टवेयर और उसमें एंटी वायरस अपडेट करके रखें. समय-समय पर पासवर्ड भी बदलते रहें. वाई-फाई, इंटरनेट कनेक्शन की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
आने वाले खतरे को साइबर सेल ने पहले से ही भाप लिया है और इसके लिए कमर भी कस ली गई है. इन सबसे निपटने के लिए जल्द ही 588 साइबर कॉप अलग-अलग थानों में साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए तैयार मिलेगे. इसके लिए 126 इसंपेक्टर, 287 एसआई और करीब 336 सिपाही और हेड कॉन्स्टेबल तैयार किए गए हैं. थाने की साइबर टीम में 1 इसंपेक्टर, 2 एसआई और 2 सिपाही या हवलदार होंगे.
- ऑनलाइन डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के जरिए लेन-देन करते समय इस बात का जरुर ध्यान रखें की मशीन से कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तो कनेक्ट नहीं है.
- केवल मैग्नेटिक स्ट्रिप वाले कार्ड की जगह चिप वाले कार्ड का ही उपयोग करें.
- माइक्रो एटीएम का सॉफ्टवेयर और उसमें एंटी वायरस अपडेट करके रखें.
- समय-समय पर पासवर्ड भी बदलते रहें.
- वाई-फाई, इंटरनेट कनेक्शन की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
- अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड का पिन नंबर कभी किसी को न बताए.
- सामान खरीदते समये भी पिन नंबर अपने से छिपाकर डॉयल करे और रसिद लेकर ही निकले.
- ऑनलाइन ट्राजेक्सन करते समय अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारियां गुप्त रखे.
- अपना कार्ड कभी किसी को न दे.
- कभी कोई बैंक का कर्मचारी बनकर फोन पर आप के एकाउंट संबधित जानकारियां मांगे जैसे कि आपके डिबट कार्ड का नंबर और पिन नंबर तो कभी भी शेयर न करे.