नई दिल्ली: आय घोषणा योजना (IDS) के तहत 13860 करोड़ रुपये घोषित करने वाले जमीन कारोबारी महेश शाह को इनकम टैक्स विभाग (IT) ने छोड़ दिया है. शाह को सोमवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
शाह ने हिरासत में कहा कि वह निर्दोष है और यह रुपया भी उसका नहीं है और न ही किसी एक आदमी का है.उन्होंने बताया है कि इसके पीछे कई नेता और व्यापारी भी शामिल है. शाह ने बताया है कि मैं सिर्फ एक प्यादा हूं, मुझे इस धन की घोषणा करने के बदले कमीशन देने का वादा किया गया था.
उन्होंने आगे बताया जिन लोगों का पैसा था वह अंतिम समय में मुकर गए और ऐसे में डर के मारे आयकर विभाग के पास नहीं जा पाया. शाह ने कहा कि मुझे किसी भी बात से डर नहीं लगता. मैं बहुत जल्द सभी लोगों ने नामों का IT विभाग के पास खुलासा करुंगा.
उन्होंने अपने परिवार वालों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. शाह ने कहा कि जिस काले धन का खुलासा हुआ है, उनके पैसे के मालिकों में कई बड़े लोग भी शामिल हो सकते हैं. ऐसे में यह सवाल उठता है कि जिन नेताओं और व्यापारियों और बड़े लोगों की बात महेशा शाह कर रहे हैं वह कौन लोग हैं? बता दें कि शाह ने इसका खुलासा एक टीवी चैनल के जरिये दी थी. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार का लिया गया था.
आने वाले समय में जब शाह इन नामों का खुलासा इनकम टैक्स विभाग के आगे करेंगे और उसमें अगर बीजेपी के ही नेताओं के नाम शामिल हुए तो इससे गुजरात में दो दशकों से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी की समस्याएं ही बढ़ सकती हैं. इसके अलावा शाह के खुलासे के बाद हो सकता है कि लोगों का विशवास प्रधानमंत्री मोदी की पॉलिसी से टूटे क्योंकि इससे यह संदेश लोगों के बीच जा रहा है कि कालाधन वालों ने नोटबंदी से निपटने के तरीके खोज निकाले हैं और सारी असहूलियत आम जनता को हुई है.
वहीं अगर शाह जैसे प्यादों पर इनकम टैक्स विभाग तेजी से काम करे तो हो सकता है कि सरकार अपनी छवि को काले धन के खिलाफ और मजबूत कर पेश कर पायेगी. ऐसे में अब इंतज़ार शाह के खुलासे का है. जिससे पता चलेगा कि वह कौन नेता और व्यापारी है जो शाह के जरिये अपने काले धन को सफेद करने की जुगत में थे.