अमृतसर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पंजाब के शहर अमृतसर में हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में भारत शांति लाना चाहता है. इस समिट में पीएम मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात भी की.
प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया. पीएम ने अशरफ गनी को हार्ट ऑफ एशिया का न्यौता स्वीकार करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत का अफगानिस्तान से करीब का संबंध है. उन्होंने कहा, ‘हमारे अफगानिस्तान से करीबी संबंध हैं. अफगानिस्तान का अमृतसर की धरती से संबंध है.’
मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के सामने चुनौतियां हैं, लेकिन हम मिलकर उनसे निपटेंगे. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ चुप रहना इसे बढ़ावा देना होगा. हमें इसे मिलकर खत्म करना होगा.’
‘भारत हमेशा से अफगानिस्तान के साथ’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की भलाई के लिए भारत हमेशा से साथ है. उन्होंने कहा, ‘हम एयर ट्रांसपॉर्ट कॉरिडोर से अफगानिस्तान और भारत को जोड़ने की योजना बना रहे है. काबुल में पार्लियामेंट बिल्डिंग हमारी अफगानिस्तान के लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्धता को दिखाती है.’ हार्ट ऑफ एशिया समिट में प्रतिनिधियों को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
इस समिट में अशरफ गनी ने PM मोदी के लिए कहा, ‘आपके शब्दों ने अफगान के लोगों को दो राष्ट्रों के बीच की दोस्ती, ऐतिहासिक रिश्तों का भरोसा दिलाया है. इंडो-अफगान समझौते सशक्त हैं और भारत ने बिना शर्त के हमारा समर्थन किया है.’
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा कि अफगानिस्तान को गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आर्थिक मदद के लिए भारत का शुक्रिया भी कहा है.
क्या है हार्ट ऑफ एशिया ?
साल 2011 में एशियाई देशों ने आतंकवाद, चरमपंथ और गरीबी से निबटने, अफगानिस्तान और इसके पड़ोसी देशों के बीच आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की दिशा में पहल शुरू की. इसमें भारत, चीन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, अजरबैजान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, सउदी अरब, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, तुर्की और यूएई शामिल हैं.