नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के टोल प्लाजा पर कथित तौर पर हुई सेना की तैनाती को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ममता ने इस घटना की तुलना आपातकाल से की है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा है कि नोटबंदी की वजह से ममता को इतना नुकसान हुआ है कि वह उसके बाद मानिसक संतुलन में नहीं हैं.
ममता का मानसिक संतुलन बिगड़ा-BJP
बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पहले तो ममता ने फ्लाइट में तेल की कमी को मोदी सरकार पर डाल दिया अब सेना के अभ्यास को भी अपने उपर जोड़ लिया, उनका पूरी तरह मानसिक संतुलन बिगड़ गया है. राजनीतिक जानकार अंदाजा लगा रहे हैं कि आखिर क्यों ममता ने मोदी सरकार के खिलाफ इतना आक्रामक रुख अपना रखा है ? इसके पीछे आखिरकार सच्चाई क्या है ?
ममता ने बताया इमरजेंसी जैसे हालात
बता दें कि ममता बनर्जी ने कोलकाता के नबन्ना, दनकुनी और पलसित के दो टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती पर नाराजगी जताई थी. ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह सेना को तैनात किया जाना एक गंभीर मुद्दा है. राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. उन्होंने इस तरह सेना की तैनाती को असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रपति से मोदी सरकार की शिकायत करने का मन भी बनाया है.
सेना ने किया इनकार
सेना ने ट्वीट करते हुए कहा कि आर्मी पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी जानकारी और उनके सहयोग से ही रुटीन अभ्यास कर रही है. ये बिल्कुल गलत है कि टोल प्लाजा पर आर्मी के कब्जे किया है. सेना ने अपने अगले ट्वीट में बताया कि हमने सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में रुटीन अभ्यसास हो रहे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल के 19, अरुणाचल प्रदेश के 13, असम के 18, मणिपुर के 6, मेघालय के 5, नागालैंड के 5, त्रिपुरा और मिजोरम के 1 स्थान शामिल किया गया है.