ममता की मांग पर कोलकाता के टोल प्लाजा से हटाई गई सेना, पूर्वी कमांडर ने बताया रुटीन अभ्यास

प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममती बनर्जी की मांग पर राज्य सचिवालय नबन्ना के पास स्थित टोल प्लाजा से सैन्य कर्मियों को हटा लिया गया है. यहां तक कि सेना की टेंपररी शेड को भी हटाया जा चुका था. वहीं शुक्रवार सुबह सात बजे तक की खबरों के अनुसार ममता सचिवालय में ही डेरा जमाई हुई हैं.

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ममता की मांग पर कोलकाता के टोल प्लाजा से हटाई गई सेना, पूर्वी कमांडर ने बताया रुटीन अभ्यास

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  • December 2, 2016 6:55 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
कोलकाता. प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममती बनर्जी की मांग पर राज्य सचिवालय नबन्ना के पास स्थित टोल प्लाजा से सैन्य कर्मियों को हटा लिया गया है. यहां तक कि सेना की टेंपररी शेड को भी हटाया जा चुका था. वहीं शुक्रवार सुबह सात बजे तक की खबरों के अनुसार ममता सचिवालय में ही डेरा जमाई हुई हैं. उन्होंने इस तरह सेना की तैनाती को असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रपति से मोदी सरकार की शिकायत करने का मन भी बनाया है.
 
 
ममता बनर्जी ने कोलकाता के दनकुनी और पलसित के दो टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती पर नाराजगी जताई थी. ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिना किसी पूर्व  सूचना के इस तरह सेना को तैनात किया जाना एक गंभीर मुद्दा है. राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
 
ममता ने धमकी दी थी कि जब तक सेना को टोल प्लाजा से नहीं हटाया जाता, वो सचिवालय में ही डेरा जमाए रहेंगी. उन्होंने कहा कि जब देश में इमरजेंसी लगाई जाती है तो केंद्र सरकार सभी राज्यों की कानून-व्यवस्था को अपने ही हाथों में ले लेता है और राष्ट्रपति इमरजेंसी की घोषणा करते हैं. लेकिन ऐसा अभी तक कुछ नहीं हुआ. केंद्र सरकार ने सेना को तैनात करने से पहले राज्य को अपने विश्वास में नहीं लिया. 
 
पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा कि बिना राज्य सरकार की अनुमति लिए बगैर राज्य के ज्यादातर इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है. 
वहीं आर्मी के पूर्वी कमांड ने पं बंगाल पुलिस के दावों का खंडन किया है.
 
सेना ने ट्वीट करते हुए कहा कि आर्मी पश्चिम बंगाल पुलिस को पूरी जानकारी और उनके सहयोग से ही रुटीन अभ्यास कर रही है. ये बिल्कुल गलत है कि टोल प्लाजा पर आर्मी के कब्जे किया है. 
 
सेना ने अपने अगले ट्वीट में बताया कि हमने सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में रुटीन अभ्यसास हो रहे हैं. इनमें पश्चिम बंगाल के 19, अरुणाचल प्रदेश के 13, असम के 18, मणिपुर के 6, मेघालय के 5, नागालैंड के 5, त्रिपुरा और मिजोरम के 1 स्थान शामिल किया गया है.
 
सेना ने कहा कि वह इस प्रकार की कवायद को देश में हर साल करती है. इस तीन दिवसीय अभ्यास का शुक्रवार को आखिरी दिन है. इसका सेना का मकसद केवल यह होता है कि वह सेना को किसी आपात स्थिति में कितने वाहन उपलब्ध कराए जा सकते हैं.

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