नई दिल्ली: सिनेमाहॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रगान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. हालांकि ओवैसी ने सवाल किया है कि इससे देशभक्ति की भावना मजबूत करने में मदद मिलेगी.
‘क्या आप देशभक्त हैं ?’
ओवैसी ने कहा कि आप राष्ट्रवादी हो सकते हैं लेकिन सबसे अहम बात ये है कि क्या आप देशभक्त हैं ? ओवैसी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ये सरकार अति-राष्ट्रवादियों की है. जो उनके साथ या उनकी बातों से सहमत नहीं होता, वो उनकी नजर में देशद्रोही कहलाते है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को अब इसे जल्द से जल्द लागू करवाना चाहिए.
‘गृह मंत्रालय एक्ट में करे बदलाव’
ओवैसी ने कोर्ट के आदेश के संदर्भ में कहा कि 1971 एक्ट और गृह मंत्रालय को अपनी एक एडवाइजरी को भी बदलना होगा. ओवैसी ने ये सवाल भी उठाते हुए कहा कि जो व्यक्ति खड़े होकर राष्ट्रगान नहीं गा सकता या वह शारीरिक तौर से फिट नहीं है या अगर वह बीमार है तो उनका क्या होगा ? ओवेसी ने कहा कि ये तमाम सवाल हैं जिन को अच्छे से देखना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की एडवाइजरी में और 1971 एक्ट में ये कहीं नहीं लिखा है कि सब को खड़े होकर ही राष्ट्र गान गाना पड़ेगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाहॉल में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाए जाने के मामले में फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने कहा है कि सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा और दर्शकों को इस दौरान खड़े होना होगा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही फिल्मों से पहले राष्ट्रगान बजाना अब अनिवार्य हो गया है.
राष्ट्रगान में न खड़े होने पर कर दी थी पिटाई
बता दें कि राष्ट्रगान का मामला इसी साल की शुरुआत में सामने आया था. यह मामला तब सामने आया जब मुंबई के कुर्ला स्थित सिनेमा घर में राष्ट्रगान के लिए न खड़े होने पर एक मुस्लिम परिवार को सिनेमा घर से बाहर कर दिया गया था, इससे पहले उनकी पिटाई भी की गई थी. हालांकि, परिवार ने यह कहते हुए माफी भी मांगी थी कि उनसे गलती हुई है.