नई दिल्ली: बोफोर्स घोटाले के बाद से पैदा हुए विवाद को दरकिनार करते हुए भारत ने अमेरिका के साथ एक अहम करार कर लिया है. भारत ने अमेरिका से 145 एम-777 हल्के होवित्जर तोपों की खरीद के लिए 5000 करोड़ रुपये के सौदे को हरी झंडी दिखा दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन तोपों को चीन की सीमा के पास तैनात किया जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक भारत ने औपचारिक रूप से इन तोपों के लिए अमेरिका के साथ स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर किया है. भारत-अमेरिका सहयोग समूह की दो दिवसीय बैठक में हस्ताक्षर किए गया हैं. इंडियन आर्मी हॉवित्जर तोपों को ज्यादा ऊंचाई वाली चीन से लगने वाली सीमा में तैनात करेगी. इन तोपों में से 25 तोपें अमेरिका से तैयार होगीं और भारत में महिंद्रा कंपनी की मदद से असेंबल और टेस्ट की जाएंगी. पहली दो तोपों भारत को अगले छह महीने के अंदर ही मिल जाएगी.
इस्तेमाल में आसान
हॉवित्जर तोपों की खास बात यह है कि दूसरी तोपों के मुकाबले काफी हलकी होती हैं. इनको एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जा सकता है और इनका इस्तेमाल भी काफी आसान होता है. ये तोपें 25 किलोमीटर दूर तक टारगेट को नष्ट कर सकती हैं. चीन से निपटने के लिए ये तोपें काफी कारगर साबित हो सकती हैं.
घोटाले के बाद पहला सौदा
इस सौदे के साथ ही अमेरिका रूस, इजरायल और फ्रांस को पीछे छोड़कर भारत को आर्म्स सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है. बता दें कि 1980 के दशक में हुए बोफोर्स घोटाले के बाद तोपों की खरीद के लिए यह पहला सौदा किया है. बोफोर्स विवाद के कारण 1980 के बाद से भारतीय सेना की आर्टिलरी में कोई नई तोप शामिल नहीं की गई थी.