नई दिल्ली : सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं है. पहचान पत्र के तौर पर कोई अन्य दस्तावेज दिखाकर भी सरकारी सब्सिडी और सेवाओं का लाभ लिया जा सकता है. इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री पी पी चौधरी ने आज लोकसभा में इसकी जानकारी दी.
सरकार का कहना है कि वह इस संबंध में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त, 2015 को निर्देश दिए थे कि आधार कार्ड न होने पर किसी नागरिक को सरकारी लाभों से वंचित नहीं रखा जा सकता. आधार अधिनियम की धारा 7 के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को आधार नंबर नहीं मिला है, तो वह सब्सिडी के लिए वैकल्पिक दस्तावेज दे सकता है.
आधार कार्ड पूरी तरह स्वैच्छिक
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए थे कि राशन, मिट्टी का तेल और एलपीजी सब्सिडी के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. हालांकि, इस सूची में बाद में मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, पेंशन, जन धन योजना और ईपीएफओ को भी शामिल किया गया.
चौधरी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मामले पर अंतिम फैसला न आने तक आधार कार्ड पूरी तरह स्वैच्छिक है और इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता. सरकार ने मार्च 3, 2016 को संसद में आधार बिल, 2016 पेश किया था. यह बिल मार्च 16, 2016 को संसद में पास हुआ था.